सरकार करे कलाकारों के अर्थोपार्जन की व्यवस्था: पं. जगदीश गंगाणी

सरकार करे कलाकारों के अर्थोपार्जन की व्यवस्था: पं. जगदीश गंगाणी


सुजानगढ़ (नि.सं.)। स्थानीय अशोक स्तंभ के पास स्थित रेस्तरां में सुजानगढ़ मूल के बड़ोदरा निवासी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित कथक नृत्याचार्य पं. जगदीश गंगाणी का मरूदेश संस्थान के अध्यक्ष डॉ. घनश्याम नाथ कच्छावा ने अभिनंदन किया। अभिनंदन स्वरूप डॉ. कच्छावा ने पं. जगदीश गंगाणी का पुष्पाहार, शॉल व कन्हैयालाल सेठिया का साहित्य भेंट किया। इस अवसर पर प्रोफेसर जगदीश गंगाणी ने जयपुर घराने के नृत्य गुरूओं का कथक क्षेत्र में प्रदत्त अवदान को रेखांकित करते हुए अपने पिता व महान कथक गुरु पंडित सुंदरलाल गंगाणी के गुजरात राज्य में कथक उन्नयन में ऐतिहासिक भूमिका पर भी विस्तार से चर्चा की। पं.गंगाणी ने कहा कि अपने घर में सम्मान मिलना सर्वोच्च सुखानुभूति हैं।  उन्होंने नयी पीढ़ी की कथक के प्रति उदासीनता को भारत के गौरवशाली सांस्कृतिक परम्परा का लुप्त होने की संभावना बताया। सरकार से भी उन्होंने मांग की कि सुजानगढ़ कथक की जन्मस्थली रही है। यहां के कथक गुरूओं ने पूरी दुनिया में कथक नृत्य को पहुंचाया। ऐसे में यहां पर कोई ऐसा महत्वपूर्ण कार्य होना चाहिए जिससे सभी कथक व अन्य कला क्षेत्रों की नयी पीढ़ियां भी अपनी पैतृक भूमि से जुड़े। इस अवसर पर गंगाणी की धर्मपत्नी प्रियंवदा गंगाणी, पुत्र अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कथक नृतक दुर्गेश गंगाणी भी उपस्थित रहे।