भांकरोटा अग्निकांड: बेटे के बाद अब पति की हालत गंभीर, 6 बेटियों का सहारा भी जिंदगी के लिए जूझ रहा
जयपुर के भांकरोटा अग्निकांड ने कई परिवारों को गहरे दुख में डाल दिया। चार महीने पहले बेटे को खो चुकी टेमू देवी अब पति बंसीलाल की सलामती के लिए एसएमएस अस्पताल के बर्न आईसीयू के बाहर प्रार्थना कर रही हैं।
बंसीलाल की संघर्षभरी कहानी:
2009 में करंट लगने से रीढ़ की हड्डी खराब होने के बाद बंसीलाल का जीवन मुश्किलों से भरा रहा। धीरे-धीरे सहारे से चलने लायक हुए और काम पर लौटने का सपना देखने लगे। शुक्रवार को ट्रक में सफर के दौरान हादसे में बुरी तरह झुलस गए। भतीजे देवकरण के मुताबिक, ड्राइवर के भागने और सहारे की लकड़ी न देने से उनकी जान बचाने में देरी हुई।
यूसुफ और उनका परिवार संकट में:
45 वर्षीय यूसुफ भी इसी हादसे में बुरी तरह झुलस गए। छह बेटियों के पिता यूसुफ अपने परिवार का सहारा हैं। भाई साकिर ने बताया कि यूसुफ साधन न मिलने पर ट्रक में सफर कर रहे थे, जब हादसा हुआ। परिवार उनकी हालत से सदमे में है और जीवन यापन की चिंता में डूबा हुआ है।
इस अग्निकांड ने पीड़ित परिवारों को गहरे संकट में डाल दिया है। अब अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे इन लोगों के परिवार बेहतर इलाज और मदद की उम्मीद कर रहे हैं।