पार्षद बैठे आयुक्त कक्ष के बाहर धरने पर
-शहर में सफाई व्यवस्था को सही करने व सफाई बिल की जांच कराने की रखी मांग
अलवर। शहर में चौपट हुई सफाई व्यवस्था एवं सफाई के घालमेल वाले बिल को पास कराने के लिए पेश किए जाने के विरोध में मंगलवार को नगर परिषद अलवर परिसर में आयुक्त कक्ष के बाहर अनेक पार्षदों ने धरना दिया एवं विरोध जताया।
पार्षद सोनू चौधरी ने बताया कि शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर ठेकेदार द्वारा पेश किया गया बिल मात्र करीब एक लाख के करीब पैलेन्टी दी गई है जबकि पिछले दस माह से लगातार दस से बीस लाख रुपए की पैलेन्टी काटी जा रही है। अब उसके विरोध में जब नगर परिषद आयुक्त को शिकायत कि यह बिल गलत पेश किया गया है ओर इस बिल को रोका जाए लेकिन पार्षदों की शिकायत को नजरअंदाज करते हुए आयुक्त ने उस बिल पर हस्ताक्षर कर दिए। सभापति के पास जब बिल गया तो वहां भी शिकायत की ओर उस बिल को रुकवाया गया। जहां सभापति ने निरीक्षक व ठेकेदार से इस संबंध में जानकारी चाही तो पिछले पांच दिनों में अभी तक कोई जवाब तक नहीं दिया।
पार्षद चौधरी ने बताया कि जब पार्षदों ने इस बिल का विरोध किया तो सफाई ठेकेदार ने हड़ताल कर दी। इस हड़ताल से जहां सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। इस संबंध में शिकायत की तो आयुक्त ने उनकी सुनवाई किए जाने के बजाय पार्षदों की अनसुनी कर कार्यालय से निकल गए। पार्षदों ने ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने ओर शहर में लडखडाई सफाई व्यवस्था को बेहतर करने के लिए दूसरे ठेकेदार को ठेका दिए जाने की मांग की है। जिससे शहर में सफाई सुचारु रूप से हो सके।
उधर सभापति घनश्याम गुर्जर ने इस संबंध में बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि सफाई ठेकेदार ने कर्मचारियों की हड़ताल कराई है, जो गलत है। यदि शिकायत है तो उनसे या आयुक्त तथा प्रशासन से करें। जहां सही कदम उठाया जाएगा। पार्षदों ने सफाई ठेकेदार की शिकायत की है। जिस पर ध्यान दिया जाएगा।
धरने पर पार्षद दुर्गा सिंह, सुमन चौधरी, सोनू चौधरी, देवेन्द्र रसगनिया, महेन्द्र वर्मा, सीताराम चौधरी, विष्णु शंकर शर्मा, धीरज जैन, सुनील चौधरी, जितेन्द्र सैनी, धर्मपाल तंवर, दुलीचन्द, विमल जैन, शालिनी शर्मा, सुरेश वाल्मिकी, रमाकांत यादव, रमेश सैनी, धारा सैनी, राजेश सैनी आदि पार्षद मौजूद रहे।