प्र्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों ने लिया उत्साह के साथ भाग
सुजानगढ़ (नि.सं.)। दी यंग्स क्लब ऑफ सुजानगढ के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में रविवार को स्व हरकचंद सरावगी की पुण्य स्मृति में उनके पुत्रों हजारीमल, ललित, कमल व विमल सरावगी के सौजन्य से व क्लब अध्यक्ष निर्मल कुमार भूतोड़िया की प्रेरणा से दी यंग्स क्लब ट्रस्ट सभागार में प्रश्नोत्तरी व प्रश्नमंच (क्विज) प्रतियोगिता आयोजित की गई। क्लब की युवा टीम द्वारा संयोजित व संचालित इस प्रतियोगिता कार्यक्रम की संयोजक वीणा भोजक व जय श्री कुंडलिया ने बताया कि नगर स्तर पर आयोजित प्रतियोगिताओ में स्थानीय 19 विद्यालयों के 92 विद्यार्थियों ने भाग लिया। क्लब के सांस्कृतिक सचिव गिरधर शर्मा ने बताया कि स्वामी विवेकानंद विषयक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रथम राहुल ज्याणी व हिमांगी सोमानी, द्वितीय अनीशा प्रजापत, तृतीय प्रियांशी वर्मा रहे। इसी प्रकार छत्रपति शिवाजी विषयक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रथम नंदिनी, द्वितीय प्रतीक्षा राठौड़, तृतीय भगवती, नेताजी सुभाषचन्द्र बोस विषयक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रथम रक्षिता गोलछा, द्वितीय हिमानी संतोभा गर्ग व नेहा बिनवानी, तृतीय खुशबू दाधीच रहे। प्रश्नमंच प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर राजकीय कनोई बालिका विद्यालय टीम की रुखसार बानो, रोजा खान, आशिला बानो, द्वितीय स्थान पर प्रेमसुख भींवसरिया विद्यालय की टीम पिंकी गुलेरिया, प्रिया माली, रूपा कोचर, तृतीय स्थान पर दयानन्द विद्या विहार विद्यालय के नीरज बिनवानी, आयुषी राठौड़, कृतिका बिनवानी रहे। पारितोषिक वितरण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष सुनील जैन सडू वाला ने कहा कि प्रतियोगिताओं से विद्यार्थियों को मंच मिलता है, समाजसेवी कमला सिंघी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि समाजसेवी विमल पाटनी, पवन सोनी मौसूण, क्लब प्रतिनिधि दानमल शर्मा, देवेंद्र कुंडलिया, गोपाल चोटिया मंचस्थ थे। अतिथियों ने विजेताओं को ट्रॉफी भेंटकर पुरस्कृत किया। निर्णायक मण्डल में शिवशंकर शर्मा, शिक्षक मनीष पारीक व सन्तोष स्वामी शामिल थे। करीब चार घण्टे चली शानदार प्रतियोगिता में क्लब की यूथ टीम योगेंद्र भोजक, विनय भोजक व कुणाल सोनी की आयोजन में सक्रिय भागीदारी रही। गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। धन्यवाद ज्ञापन क्लब के वरिष्ठ सदस्य गोपाल चोटिया ने किया। संचालन वीणा भोजक व जय श्री कुंडलिया ने किया।