सांसारिक भलाई-बुराई को छोड़कर भगवान की कथा श्रवण करने से जीवन धन्य होता है- महन्त गंगादास वेदांती
अलवर। चेतन एनक्लेव के पास स्थित अयोध्या धाम के पूर्व महन्त साकेतवासी (ब्रह्मलीन) श्री पुरूषोत्तम दास महाराज के तृतीय पुण्य स्मृति में 7 दिनों तक आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पॉचवे दिन मंगलवार को कथा वाचन में महंत गंगादास महाराज द्वारा बताया गया सांसारिक बातों, भलाई-बुराई को छोडकर भगवान की कथा का श्रवण करने से जीवन धन्य होता है।
भागवत कथा में भगवान के रूप में भव्यता एवं उनकी बालसखाओं के साथ क्रीडा, लीला और माखन चौरी, मिट्टी खाने एवं यशोदा माँ के द्वारा मुंह खुलवाने पर स पूर्ण भ्रमाण्ड का दर्शन कराया गया। कंस के द्वारा भगवान को मारने के लिये भिजवाये गये राक्षस, राक्षसियों का संहार कर उन्हें भगवत धाम पहुॅचाने की कथा का वचान किया गया तथा पूतना एवं शक्तासुर के उधार की कथा का भी विवेचन किया गया।
मंगलवार को ओयाजित कथा में छप्पन भोग की प्रसाद गौशाला सुन्दरकाण्ड महिला संगठन की ओर की गई। संगठन की महिलाओं द्वारा अपनी ओर से बनाये गये विभिन्न प्रकार के व्यंजनों की छप्पन भोग की झांकी सजाई गई तथा प्रसादी वितरण बाबा ठाकुरदास एण्ड संस के महेन्द्र तनेजा एवं मीना परिवार की ओर से की गई। कथा में शामिल भक्तजनों ने संगीतमय भजनों खूब आनन्द लिया ओर नृत्य कर भगवान को रिझाया गया। कार्यक्रम का संचालन दीपक पंडित द्वारा किया गया।