राजस्थानी युवा समिति ने राजस्थानी भाषा को राज्य की राजभाषा बनाने की मांग की


- राजस्थानी भाषा पर जागरूकता पैदा करने के लिए जोधपुर, जयपुर, उदयपुर, वाराणसी में सम्मलेन किए गए आयोजित

अलवर। राजस्थानी युवा समिति ने आज अलवर में विशाल जनसभा को संबोधित किया। राजस्थानी युवा समिति ने 'राजस्थानी' को राज्य की राजभाषा बनाने की मांग की। देश का अत्यंत महत्वपूर्ण समुदाय होने के बावजूद किसी भी राजनीतिक दल या केंद्र या राज्य सरकारों ने इस तथ्य को स्वीकार नहीं किया है कि 'राजस्थानी' राज्य में कई बोलियों वाली एक स्वतंत्र भाषा है। आज अलवर में राजस्थानी युवा समिति के भोळावणी उच्छब "हेलों मायड़ भासा रौ" में हजारों राजस्थानी युवा शामिल हुए।
राजस्थानी युवा समिति के राष्ट्रीय सलाहकार राजवीर सिंह चालकोई ने युवाओं को राजस्थानी को राजभाषा बनाने के लिए अब तक किये गये प्रयासों और भविष्य की योजनाओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा, “राजस्थानी युवा समुदाय को आगे आना चाहिए और राजस्थानी भाषा को राज्य की राजभाषा बनाने की मांग करनी चाहिए। हमारे प्रदेश के इतिहास और विरासत को बचाने के लिए राजस्थानी भाषा बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आज राजस्थानी दुनिया भर में व्यवसाय कर रहे हैं या विभिन्न देशों में विभिन्न स्तरों पर सेवा कर रहे हैं। वे भले ही अब राज्य में नहीं रह रहे हों, लेकिन भाषा उन्हें उनकी जड़ों और परिवार से जोड़े रखती है।
अलवर कार्यक्रम में राजस्थानी युवा समिति के राष्ट्रीय सलाहकार राजवीर सिंह चालकोई, जीवन मालवीय, हरिशंकर गोयल, पूनम कंवर, गायक भूपेंद्र खटाना, आर.के. जे. रोहित, बिनु यादव, सुभाष गुर्जर, जया सैनी जैसे लेखक और छात्र नेता। सभी वक्ताओं ने हजारों युवाओं को इस बात पर जोर दिया कि राजस्थानी भाषा को राज्य की राजभाषा बनाना कितना जरूरी है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अरूण ने बताया कि राष्ट्रीय सलाहकार राजवीर सिंह चालकोई ने बृज बोली में बीकानेर के पृथ्वीराज राठौड़ द्वारा रचित दोहों का पाठ करने से साबित होता है कि बृज, मेवाती और अन्य सभी बोलियां सदियों से राजस्थानी भाषा का अभिन्न अंग रही हैं और ये बोलियां मिलकर राजस्थानी भाषा का निर्माण करती हैं।  
अलवर के युवाओं ने अपने प्रिय राजवीर सर के साथ राजस्थानी भाषा को राजभाषा बनाने की शपथ ली। अलवर टीम से प्रेम सिंह, अमित सिंह, कुलदीप, धर्मेंद्र व रायपुर टीम से अनिल, महावीर, अभिषेक, दिलीप ने युवाओं में जागरूकता लाने के लिए जन संपर्क अभियान चलाया।