संपत्ति में समान अधिकार और भरण-पोषण कानून पर विधिक जागरूकता शिविर आयोजित 

संपत्ति में समान अधिकार और भरण-पोषण कानून पर विधिक जागरूकता शिविर आयोजित 

अलवर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देश पर और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मोहन लाल सोनी के आदेशानुसार रविवार को मुख्यमंत्री पुनर्वास गृह, विवेकानंद नगर, अलवर में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर में मानसिक और शारीरिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याणकारी कानूनों की जानकारी दी गई।  

संपत्ति में समान अधिकार पर चर्चा  
शिविर में विधिक सेवा प्राधिकरण के पीएलवी मुस्तफा खान ने बताया कि मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों को भी सामान्य नागरिकों की तरह संपत्ति में समान अधिकार है। उन्होंने "माता-पिता भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम 2007" का उल्लेख करते हुए बताया कि यदि माता-पिता अपनी आय या संपत्ति से भरण-पोषण में असमर्थ हैं, तो उनके वारिसों पर उनकी देखभाल की जिम्मेदारी होती है।  

कानूनी उपायों की जानकारी 
मुस्तफा खान ने बताया कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 125 से 128 के तहत माता-पिता भरण-पोषण का दावा कर सकते हैं। न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्यवाही की जा सकती है। साथ ही, महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005 का भी उल्लेख किया गया, जिसके तहत महिलाएं घरेलू हिंसा के खिलाफ याचिका दर्ज कर सकती हैं।  

सहायता के लिए टोल-फ्री नंबर जारी  
खान ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 15100 और राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 9928900900 टोल-फ्री नंबर जारी किए गए हैं। ये नंबर नागरिकों की सहायता के लिए उपलब्ध हैं।  

इस अवसर पर पुनर्वास गृह के केयर टेकर विक्रम और मानसिक रूप से अस्वस्थ व वरिष्ठ नागरिक उपस्थित रहे। शिविर में सभी को कानूनी अधिकारों और मदद के तरीकों की जानकारी दी गई।