दो महिलाओं की मौत के मामले में एएनएम को प्रथम दृष्टया पाया दोषी
एएनएम के घर हुई थी डिलीवरी, जांच टीम पहुंची खैरथल
खैरथल। कस्बे के सेटेलाइट अस्पताल में कार्यरत एएनएम शकुन्तला एएनएम (भावना ) नर्स की ओर से अपने निजी निवास पर डिलीवरी कराने तथा इलाज के दौरान दो महिलाओं की हुई मौत के मामले में कलैक्टर के निर्देश पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित टीम खैरथल पहुंची तथा प्रथम द्रष्टया दोषी मानते हुए पीड़ित पक्षों के अलावा अस्पताल में कर्मचारियों के बयान लिए। वहीं पीड़ित पक्ष के बयानों के आधार पर दो मेडिकल स्टोर पर भी जांच की।
उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेश बैरवा के निर्देशन में आई टीम ने एएनएम शकुन्तला (भावना) नर्स के आनन्द नगर कालोनी स्थित आवास की जांच की , जहां से टीम ने पाया कि डिलीवरी कराने वाले स्थान पर पूर्णतया साफ सफाई की हुई थी। वहां कोई मरीज व मरीज भर्ती बेड नहीं मिले। कमरे में दवा की पर्ची, एडमिशन पर्ची, लैब रिपोर्ट, सरकारी अस्पताल की पर्चियां, एप्रिन आदि सामान मिला, जिसे जब्त किया गया। डॉ बैरवा ने बताया कि मृत महिलाओं के परिजनों की शिकायत के आधार पर जो भी बताया गया, वह सत्य प्रतीत मालूम हुआ। परिजनों ने टीम को बताया कि एएनएम के साथ उसकी पुत्रवधू भी डिलीवरी कार्य में सहयोगी है। दो मेडिकल वालों से सांठगांठ का पता चला कि उक्त एएनएम मरीज के साथ आए परिजनों को बाहर से दवा मंगवाने के लिए कोई पर्ची नहीं देती, बल्कि मेडिकल वालों को फोन कर दवा मंगवाती है। जिसकी पुष्टि के लिए रेलवे फाटक के पास सूर्या मेडिकल के सी टी वी फुटेज में खुलासा हुआ। वहीं एक अन्य मेडिकल स्टोर चांदना मेडिकल स्टोर पर प्रशिक्षित व्यक्ति नहीं मिलने पर उसे बंद कराया गया। जांच टीम में बैरवा के अलावा खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुंडावर जयवर्धन खैरिया, सहायक प्रशासनिक अधिकारी निरंजन लाल, डॉ मौसीन खान मौजूद रहे। टीम ने सेटेलाइट अस्पताल पहुंच कर पर्ची विंडो के रिकार्ड, मरीज भर्ती टिकट रिकॉर्ड, डिलीवरी रिकॉर्ड आदि की गहनता से जांच कर साक्ष्य एकत्रित किए। आरोप है कि एएनएम की लापरवाही से दांतला निवासी मनीषा व इस्माइलपुर निवासी मीना की मौत हो गई थी। जिसकी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अलवर के पास पीड़ितों ने लिखित में शिकायत करते हुए जांच कराने की मांग की थी।