नगर परिषद का मामला: पार्षद-कर्मचारी आपस में उलझे

नगर परिषद का मामला: पार्षद-कर्मचारी आपस में उलझे


- पार्षद व कर्मचारी-अधिकारी ने लगाया एक दूसरे पर आरोप
अलवर। नगर परिषद अलवर के अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों पर भ्रष्टाचार और लापरवाही का आरोप लगाते हुए 8 दिन से नगर परिषद परिसर के बाहर पार्षद धरने पर बैठे हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। आरोप है कि सोमवार को पार्षदों को समझाने गए अधिकारियों-कर्मचारियों को लेकर बहस हो गई। इसके बाद अधिकारी-कर्मचारी धरने का रूप देकर नगर परिषद परिसर में बैठ गए।
कर्मचारी-अधिकारी का आरोप है कि पार्षदों ने उनके साथ सही बर्ताव नहीं किया है जबकि वे समझाइश करने गए थे। पार्षदों का अरोप है कि जब उनके बड़े अधिकारियों से वार्ता विफल हो चुकी है तो वे सोची समझी साजिश रचकर उनके पास क्यों गए। आरोप है कि ये सब प्रमुख अधिकारीओ के इशारे पर हुआ है।
एक पार्षद ने कहा कि अब कर्मचारी व अधिकारियों की भ्रष्टाचार की पोल खोलकर ही धरने से उठेंगे। उनके हर भ्रष्टाचार को सामने लाएंगे। कर्मचारी व अधिकारियों ने जानबूझकर साजिश रचते हुए उनके धरने को फेल करना चाहते हैं अब दूसरे पार्षदों से बात कर यहां बड़ा विरोध करेंगे। 
पार्षद का आरोप है कि पहले कर्मचारी-अधिकारी सब कमिश्नर के चैंबर में गए, इसके बाद पार्षदों को समझाने आए जबकि पार्षदों की वार्ता दो दिन पहले कमिश्नर व एडीएम के बीच में विफल हो गई थी, फिर कर्मचारी अधिकारी क्यों आए?
उधर, कर्मचारी-अधिकारियों की ओर से एईएन राजकुमार सैनी ने बताया कि वे पार्षदों से समझाइश करने गए थे लेकिन वहां उनके साथ गलत बर्ताव किया गया। उनके व्यवहार से नाराज होकर सब कर्मचारी व अधिकारी एक होकर विरोध स्वरूप परिषद परिसर में बैठ गए।
उधर, पार्षद सोनू चौधरी, धर्मपाल तंवर व रमेश चंद सैनी 8 दिन से धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि वार्ड के निर्माण में घटिया सामग्री काम ली है। रमेश सैनी के वार्ड में काम नहीं हो रहे और पट्टे भी नहीं मिल रहे। सफाई नहीं होने पर धर्मपाल तंवर ने ठेका निरस्त करने की मांग की थी।
आयुक्त धर्मपाल जाट ने बताया कि उनकी जानकारी में मामला नहीं है। दोनों पक्षों की सुनकर समस्या का समाधान करेंगे। ऐसा कोई मुदद्े का सवाल नहीं है जो धरने तक बात सामने आए।
सभापति घनश्याम गुर्जर ने कहा कि कार्य बहिष्कार की अभी जानकारी मिली। इसके लिए अनुमति नहीं ली गई। कमिश्नर से घटना की जानकारी मांगी है। परिसर में बिना अनुमति के कार्य बहिष्कार करना अनुशासनहीनता है।