तो डॉक्टर अपने अस्पताल बंद कर देंगे या दूसरे राज्यों में पलायन कर जाएंगे - राइट टू हेल्थ बिल का विरोध जारी

तो डॉक्टर अपने अस्पताल बंद कर देंगे या दूसरे राज्यों में पलायन कर जाएंगे - राइट टू हेल्थ बिल का विरोध जारी


अलवर। आईएमए हॉल में रविवार को हुई मीटिंग में सभी चिकित्सकों ने राइट टू हेल्थ बिल के बारे में बताया कि यह डॉक्टर एवं मरीज के बीच के रिश्ते को खत्म कर देगा एवं राजस्थान में निजी अस्पतालों की गुणवत्ता जो बनी हुई है उसको पूरी तरह तहस.नहस कर देगा। ऐसे में निजी अस्पताल भी सरकारी अस्पताल से भी बदतर हो जाएंगे।
डॉक्टरों ने बताया कि राइट टू हेल्थ बिल यदि निरस्त नहीं किय गया तो डॉक्टर अपने अस्पताल बंद कर देंगे या दूसरे राज्यों में पलायन कर जाएंगे या अपना जमीर मार कर के ऐसे भय पूर्ण वातावरण में अस्पताल चलाएंगे जिससे कि मरीज का भला कभी नहीं होगा। सभी ने केवल एक ही मत से प्रस्ताव पारित किया कि केवल राइट टू हेल्थ बिल वापस ही होना चाहिए। बहुत से समाज संयुक्त व्यापारी महासभा के अध्यक्ष सुरेश गुप्ता,  होप सर्कस व्यापार समिति के अध्यक्ष संजय जैन ने डॉक्टरों को अपना समर्थन पत्र दिया एवं सदन को संबोधित किया। जिसमें ब्राह्मण समाज के युवा अध्यक्ष आकाश मिश्रा, शिव चरण कमल, विनोद शर्मा, महेश उपाध्याय, विशाल शर्मा, खंडेलवाल सेवा समित के श्याम बढ़ाया, राकेश अटोलिया, पंजाबी वेलफेयर सोसाइटी के दीवान चंद सेतिया, सुरेंद्र कुमार सोनी, राधे श्याम अहूजा, राधा कृष्ण अरोड़ा, खंडेलवाल मंडल अलवर की तरफ से अजय झालानी, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन की तरफ  से योगेश स्वामी, दिनेश सोनी, नरेश गोयल, मनोज अरोड़ा, विजय चौहान, विशाल खंडेलवाल, यतीम शर्मा, शरद मिश्रा, राजस्थान केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आरबी पुरी ने राइट टू हेल्थ बिल को समाज विरोधी बताया और डॉक्टरों का समर्थन किया।
निजी हॉस्पिटल संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ. विजय पाल यादव ने बताया कि आज जयपुर में बहुत बड़ी रैली होने वाली है। इसमें यहां से बड़ी संख्या में चिकित्सक एवं उनके स्टाफ  परिजन जाएंगे और अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे। सरकारी चिकित्सक भी 2 घंटे का कार्य बहिष्कार रखेंगे एवं आंदोलन में भाग लेंगे यदि सरकार में मांगे नहीं मानती है तो 29 तारीख को सरकारी चिकित्सक भी हड़ताल में शामिल होंगे। विरोध करने वाले सभी चिकित्सकों ने कहा कि पुन: जनता से क्षमा प्रार्थी हैं कि हम आपकी सेवा नहीं कर सकते क्योंकि हमारा स्वयं का अस्तित्व ही खतरे में है।