नगर परिषद द्वारा की गई तानाशाही जैसी कार्रवाई के विरोध में समाजसेवियों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन - आयुक्त व कर्मचारियों को निलंबित किए जाने की रखी मांग

नगर परिषद द्वारा की गई तानाशाही जैसी कार्रवाई के विरोध में समाजसेवियों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन - आयुक्त व कर्मचारियों को निलंबित किए जाने की रखी मांग


अलवर। आप साथ दो सेवा समिति के संरक्षक और समाजसेवियों ने जिला कलक्टर से मिलकर नगर परिषद द्वारा की गई कार्यवाही का विरोध दर्ज करवाया और अपनी बातें रख कलक्टर को अवगत कराया। 
डॉक्टर एस सी मित्तल, ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय संयोजक डॉ पंकज गुप्ता ने कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए बताया कि संस्था 2017 से संचालित है, दो हजार अट्ठारह से रजिस्टर्ड है, संस्था को जिला प्रशासन के द्वारा स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस पर भी सम्मानित किया जा चुका है, संस्था ने कोरोनावायरस के दौरान हजारों की संख्या में प्रतिदिन भोजन बनाकर के प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है और 24 घंटे प्रशासन की एक आवाज में भोजन बनाकर जरूरतमंदों को खिलाया। वहीं उन्होंने बताया कि संस्था को कोई भी किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिलती है, संस्था वह बच्चे जो भीख मांग रहे थे घुमंतु समुदाय के थे जिनका कोई नहीं था जिनकी सरकार संभाल नहीं कर पा रही थी उन बच्चों को समझा के उनके परिजनों को समझा करके उनको मुख्यधारा में लेकर के आए, उनसे कचरा बिनना छुड़वाया और आज उनको पढ़ा करके मुख्यधारा में जोड़कर आगे बढ़ाने का काम यह संस्था कर रही है, संस्था के साथ अलवर के 100 से अधिक संभ्रांत समाजसेवी जुड़े हुए हैं जिनमें मित्तल हॉस्पिटल वाले डॉक्टर एस सी मित्तल, भाजपा नेता और ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय संयोजक डॉ पंकज गुप्ता, फौज से रिटायर्ड अंतरराष्ट्रीय कोच एथलीट कैप्टन उमराव लाल सैनी, खुटेटा मेडिकल के अनुराग खुटेटा, यूआईटी से रिटायर्ड ढींगरा, एक्सईएन मेहता प्रमुख हैं, संस्था ने अभी मार्च 2023 में ही नगर परिषद को यह पत्र दिया था कि बच्चों को पढ़ाने के लिए कोई उचित जगह का प्रबंध सरकार और प्रशासन कर दे तो इस नगर परिषद की जमीन से वहां शिफ्ट किया जा सकता है, पूर्व में कांग्रेसी नेता पूर्व, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और वर्तमान मंत्री टीकाराम जूली और अन्य नेताओं ने संस्था को जमीन देने का आश्वासन कई बार किया जा चुका है, संस्था ने उक्त जमीन पर कोई भी पक्का निर्माण नहीं किया था सिर्फ बच्चों को पढ़ाने के लिए धूप से बचाने के लिए बारिश से बचाने के लिए शेड बनाए थे जो कभी भी हटाए जा सकते थे। उन्होंने ज्ञापन में यह भी बताया कि संस्था के अध्यक्ष समाजसेवी दिनेश किराड़ जो अनुसूचित जाति से संबंधित हैं को कल नगर परिषद आयुक्त के द्वारा अपने पास बुला करके गलत आरोप लगा कर अपने साथ ले गए। यही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि नगर परिषद में बैठा कर रखा और रात के अंधेरे में बिना कोई नोटिस दिए या फिर संस्था के सब ब्रांच लोगों से बात किए बिना, जेसीबी ट्रैक्टर, बुलडोजर पीला पंजा और अपने अधिकारी कर्मचारी और अतिक्रमण विरोधी दस्ते को भेजकर शिक्षा के मंदिर को ध्वस्त किया, सारे सामान को तोड़ फोड़ दिया, तहस-नहस कर दिया। ऐसे में बच्चों का भी भविष्य अंधकार में बन गया। इसके अलावा आज नगर परिषद के द्वारा कर्मचारियों को उन बस्तियों में भी भेजा गया और उनको यह धमकी दी गई कि अगर आप हमारे अनुसार ध्यान नहीं दोगे तो आप की झुग्गियों को भी हम ध्वस्त कर देंगे। 
संस्था के सदस्यों ने नगर परिषद के खिलाफ कार्यवाही करने की और जमीन अलॉट करने की बच्चों को पढ़ाने की माकूल व्यवस्था करने की बात की और अगर ऐसा नहीं होता है तो आंदोलन किया जाएगा और नगर परिषद के खिलाफ न्यायालय में भी केस दर्ज किया जाएगा। 
संस्था के सदस्यों ने मीटिंग कर नगर परिषद आयुक्त को निलंबित कर मामले की जांच करने और नगर परिषद के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग की।
ज्ञापन देने वालों मे डॉ एस सी मित्तल, डॉ पंकज गुप्ता, कैप्टन उमराव लाल सैनी, अरुण मेहता, अशोक धींगरा, अनुराग खुटेटा, डॉक्टर गिरीश गुप्ता, हेमंत यादव, दिनेश किरार, हरजिंदर सिंह, प्रदीप बख्शी, जीतू कुमार, अजीत सिंह, प्रदीप सोलंकी, नीरज कुमार, आदि आमिर थे।