भारतीय संविधान का इतिहास गौरवपूर्ण है और इसकी मजबूती से ही हम श्रेष्ठ भारत की ओर आज अग्रसर है- प्रो. रविप्रकाश गुप्ता

भारतीय संविधान का इतिहास गौरवपूर्ण है और इसकी मजबूती से ही हम श्रेष्ठ भारत की ओर आज अग्रसर है- प्रो. रविप्रकाश गुप्ता

सरदारशहर। उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान गांधी विद्या मंदिर के शिक्षा संकाय प्रशाल में शिक्षा संकाय एवं इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में प्रसार वार्ताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में बीएड के प्रभारी डॉ पीके पांडिया ने अतिथियों का स्वागत करते हुए परिचय दिया। प्रथम सत्र में भारतीय संविधान का इतिहास एवं उसका महत्व विषय पर मुख्य वार्ताकार एवं सन्दर्भ व्यक्ति पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महिला महाविद्यालय सेवापुरी वाराणसी के प्रो रविप्रकाश गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संविधान का इतिहास विश्व के गौरव का इतिहास है। यह सबसे बड़े लोकतंत्र का सबसे बड़ा धर्म ग्रंथ है। इसकी मजबूती से ही हम श्रेष्ठ भारत की ओर अग्रसर है। संविधान को बनाने में एक करोड़ रुपए खर्च हुए और प्रारूप समिति ने संविधान को अपने हाथों से लिखा था फिर कैलीग्राफी की गई थी। उस समय संविधान की कोई प्रिंटिंग, टाइपिंग वगैरह नहीं की गयी थी। आज यह हमारे देश की आत्मा है और हमारे जीने का आधार है। द्वितीय सत्र में शिक्षा में क्रांति: शिक्षा के पांच आयाम विषय पर मुख्य वार्ताकार एवं सन्दर्भ व्यक्ति पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महिला महाविद्यालय सेवापुरी वाराणसी की सह आचार्य डॉ गीता रानी शर्मा ने शिक्षा में क्रांति के लिए शिक्षा के पांच आयामों पर चर्चा की जिसके अंतर्गत उन्होंने बताया कि आज की शिक्षा में सूचना परक शिक्षा, वैज्ञानिक जिज्ञासा, जीने की कला, रचनात्मक एवं कौशल विकास, मृत्यु की कला प्रमुख है। प्रत्येक शिक्षक की यह जिम्मेदारी है कि इन आयामों को विद्यार्थियों पर लागू करना चाहिए तभी हम अच्छे शिक्षक बन पाएंगे। प्रत्येक नकारात्मक बातों से भी हम सीखें और सकारात्मक जीवन जींए। अंत में शिक्षकगण एवं विद्यार्थियों ने विषय विशेषज्ञों से प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत की। शिक्षा संकाय के  अधिष्ठाता प्रो आरके शर्मा, शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो मनीषा वर्मा, इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अविनाश पारीक ने अतिथियों का शॉल, श्रीफल व दुपट्टा  से सम्मान किया। अंत में अधिष्ठाता प्रो आरके शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में डॉ कैलाश पारीक, डॉ पूराराम, डॉ रंजीता बैद, डॉ उमा सैनी, डॉ अल्पना शर्मा, डॉ रामावतार गोदारा, डॉ विकास सैनी, डॉ महेश शर्मा, डॉ अमित सिंह, जितेंद्र सैनी, चंद्रशेखर भारती आदि शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।