सुजानगढ़ पशु चिकित्सालय बदहाल: न डॉक्टर, न सुविधाएं

सुजानगढ़ पशु चिकित्सालय बदहाल: न डॉक्टर, न सुविधाएं

जयपुर टाइम्स  
सुजानगढ़। क्षेत्र का राजकीय खंड पशु चिकित्सालय बदहाली की स्थिति में है। पिछले 8 महीनों से डॉक्टर का पद खाली होने के कारण पशुपालकों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हालात इतने खराब हैं कि कई बार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही पशुओं का इलाज और सर्जरी करने को मजबूर हैं। अस्पताल में न तो कॉटन, न पट्टी और न ही एंटीबायोटिक के अलावा अन्य आवश्यक दवाइयां उपलब्ध हैं।  

डॉक्टर नहीं, इलाज अधूरा 
नाथोतालाब स्थित इस पशु चिकित्सालय में रोजाना 20-30 पशुपालक अपने घायल और बीमार पशुओं को लेकर पहुंचते हैं। लेकिन यहां न डॉक्टर मिलता है और न ही इलाज की सुविधाएं। मरीजों को पट्टी और दवाइयां तक बाहर से खरीदनी पड़ती हैं। बजरंगी गौ सेवा समिति के बबलू बजरंगी ने बताया कि गंभीर रूप से घायल गायों के लिए बार-बार अस्पताल आने पर भी डॉक्टर या दवाइयां नहीं मिलतीं।  

पद रिक्त, सुविधाओं का अभाव  
अस्पताल में दो चिकित्सकों और तीन चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन डॉक्टर का कोई अता-पता नहीं है। केवल एक कंपाउंडर काम कर रहा है, और अधिकांश कार्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भरोसे हैं। अस्पताल के फारूक मोहम्मद शेख ने बताया कि सालासर के चिकित्सक चार्ज संभाल रहे हैं, लेकिन उनका यहां आना बहुत दुर्लभ है।  

किसानों और पशुपालकों की अपील
किसान सभा अध्यक्ष तेजपाल गोदारा ने सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द चिकित्सकों की नियुक्ति और मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। क्षेत्र के पशुपालकों और किसानों की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए यह सुधार अत्यावश्यक है।