फुलेरा में जनता की यह दरकार हमारी जल्दी आवाज सुनलो सरकार

फुलेरा में  जनता की  यह दरकार हमारी जल्दी  आवाज सुनलो सरकार


फुलेरा (राजकुमार देवाल) राज्य सरकार की ओर से  जननी सुरक्षा योजना को लेकर करोड़ों रुपए खर्च कर आमजन को निशुल्क इलाज मुहैया कराने का कार्य कर रही है । वहि सरकार की ओर से निशुल्क जांच कराने की सुविधा को लेकर सोनोग्राफी जैसी जांच को वंचित रखने से गरीब जनता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है । गौरतलब है की गर्भवती महिलाएं एवं अन्य रोग से पीड़ित महिलाओं को चिकित्सक द्वारा सोनोग्राफी जांच लिखी जाती है यह जांच निजी  सेंटरों पर होने से भारी  कीमत चुकानी पड़ती है । जिससे गरीब जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । जबकी चिकित्सा विभाग की अनदेखी के चलते जहां चिकित्सालय में दो गायनोलॉजिस्ट होने पर भी गर्भवती महिलाएं अभी भी प्राइवेट सोनोग्राफी केंद्रों के भरोसे उपचार ले रही है । कई ग्रामीण महिलाएं तो आर्थिक तंगी के कारण जांच में खर्च कर पाने में असमर्थ होने की कारण सरकार द्वारा चलाई जा रही जननी सुरक्षा जैसी सुविधाओं से वंचित रह जाती है । करोड़ों रुपये की लागत से बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए जरूरी सोनोग्राफी सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है कस्बे में 25 वार्ड है और 99 राजस्व गांव की आबादी के बाद भी प्रसूति महिलाओं को सोनोग्राफी की सुविधा नहीं होना सीधे तौर पर महिलाओं के साथ नाइंसाफी हो रही है । हालात यह है कि हर दिन सैकड़ों की संख्या में महिला रोगियों को प्राइवेट सेंटरो पर 600 से 800 रुपये देकर सोनोग्राफी करवानी पड़ रही है
दो से तीन बार होती है सोनोग्राफी जांच
चिकित्सकों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को दो से तीन बार सोनोग्राफी जांच की आवश्यकता पड़ती है यह जांच तीसरे, छठे, व नोवे माह में करवाई जाती है । वही प्रसव पूर्व जांच सभी महिलाओं के लिए आवश्यक है तथा आवश्यकता पड़ने पर और भी जांच करवानी पड़ती है इसके अलावा पेट संबंधी बीमारी की जांच पथरी, पित्ताशय, अपेंडिक्स ,किडनी छोटी आंत, बड़ी आंत में रूकावट होने पर सोनोग्राफी की  जांच की आवश्यकता होती है ऐसे में या तो रोगी जयपुर या प्राइवेट केंद्रों पर सोनोग्राफी करवाने पर मजबूर है ।
सोनोग्राफी जैसी अनिवार्य जांच को भी संविदा पर नहीं दिया गया
हर चिकित्सा सेवाओ पर लाखों रुपए खर्च करने वाली चिकित्सा प्रबंधन की बांनगी है कि चिकित्सालय में प्रसुताओं को सोनोग्राफी के लिए निजी केंद्रों पर जाना पड़ता है । करोड़ों की लागत से तैयार चिकित्सालय में सोनोग्राफी की सुविधा नहीं है चिकित्सकीय प्रबंधन को सोनोग्राफी जैसी अनिवार्य जांच को संविदा पर रखना चाहिए ताकि मरीजो को राहत मिल सके ।