मंदिर की भूमि पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जा करने के विरोध में पुजारी परिवार ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

मंदिर की भूमि पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जा करने के विरोध में पुजारी परिवार ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

सरदारशहर। शहर के बीकानेर रोड के दक्षिण में स्थित मंदिर की भूमि पर 1 जनवरी की रात्रि को भू माफिया गिरोह द्वारा किए गए अवैध कब्जे के विरोध में सोमवार को शहर के पुजारी परिवार की ओर से तहसीलदार कमलेश को ज्ञापन सौंपा और तहसील कार्यालय में जमकर भू माफियाओं के खिलाफ नारेबाजी की। इस अवसर पर ज्ञापन में बताया कि विक्रम संवत 1632 में स्थापित पुराना मंदिर श्रीरघुनाथजी, श्री ठाकुरजी मंदिर की भूमि खसरा नंबर 484, 480, 482, 489 और 9 जिसका कुल क्षेत्रफल 43.8700 हेक्टेयर शहर से दक्षिण में बीकानेर रोड पर स्थित है। उक्त मंदिर की भूमि ठाकुर जी महाराज के हितार्थ, सेवार्थ उपभोग की भूमि है। जो पुजारी परिवार द्वारा उपयोग की जाति रही है। जिसका सीमाज्ञान भी किया हुआ है। 1 जनवरी को रात्रि के समय भू माफिया गिरोह ट्रैक्टर चलाकर उक्त भूमि पर अवैध कब्जा कर रहे थे। तब पुजारी श्यामलाल स्वामी व उसकी पत्नी व बच्चों ने भू माफियाओं को रोकने का प्रयास किया तो उनके साथ मारपीट की और धक्के देकर वहां से भगा दिया और कहा कि अगर हमें रोकने का प्रयास किया तो जान से मार देंगे। भूमाफिया इस भूमि पर प्लॉट काटकर भूमि को खुर्द बुर्द करने पर उतारू है। उन्होंने तहसीलदार से मांग करते हुए कहा कि उक्त मंदिर की भूमि की सुरक्षा एवं संरक्षण करने हेतु राज्य सरकार द्वारा निर्देश जारी किए हुए हैं। अतः पुजारी परिवार तहसील पुजारी महासभा स्वामी समाज महासभा के सदस्य एवं कार्यकर्ताओं का आपसे अनुरोध है कि उक्त अवैध कृत्य के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई करते हुए भूमि को अतिक्रमण मुक्त कर श्रद्धालुओं को राहत प्रदान की जाए। इस अवसर पर सूर्यप्रकाश स्वामी ने बताया कि उक्त भूमि के नजदीक हमारा घर है। रविवार शाम को कुछ भू माफियाओं द्वारा उक्त भूमि पर कब्जा किया जा रहा था तो मैं, मेरा भाई और मेरी मां ने उन्हें जाकर रोका और कहा कि यह भूमि हमारे मंदिर की भूमि है तो उक्त भूमाफियाओं ने हमारे साथ धक्का-मुक्की की और मारपीट की। सूर्यप्रकाश स्वामी ने बताया कि मौके पर मौजूद नारायण एडवोकेट और पूनमचंद तिवारी ने कहा कि यह भूमि हमने फूलाराम से खरीदी है। इस अवसर पर पुजारी परिवार के सदस्य जगदीशप्रसाद स्वामी ने बताया कि विक्रम संवत 1632 में स्थापित हमारा एक पुराना मंदिर है और उस मंदिर के नीचे हमारी एक भूमि हैं और हम उस मंदिर के पुजारी हैं। उस मंदिर के नाम से एक भूमि है जिस पर रविवार रात्रि को नारायण, पूनमचंद और फुलाराम वगैरह ने ट्रैक्टर से समतल कर अवैध कब्जा कर लिया है और अभी भी वहां पर निर्माण कार्य करवाने पर उतारू है। उन्होंने कहा कि हमने प्रशासन से मांग की है कि उक्त भूमि को भू माफियाओं से मुक्त करवाया जाए अन्यथा पुजारी परिवार प्रदेश स्तर पर आंदोलन करेगा। इस अवसर पर विष्णु स्वामी, हरिओम स्वामी, किशन स्वामी, सुखवीर स्वामी, इंद्रदास स्वामी, रामेश्वरलाल स्वामी, देवीदत्त पुजारी, चिरंजीलाल, तुलसीदास, ओमप्रकाश, कमल कुमार, कृष्ण कुमार, मोतीलाल, जितेंद्र, बजरंगलाल, सीताराम, पुखराज, गंगाराम, किशनलाल स्वामी सहित बड़ी संख्या में पुजारी परिवार के सदस्य मौजूद रहे।