बाघिन टी-134 को ट्रेंकुलाइज कर सरिस्का भेजा
सवाई माधोपुर, 9 मार्च। रणथम्भौर बाघ परियोजना सवाई माधोपुर की रेंज खण्डार से मादा बाघ टी-134 का सफल ट्रांसलोकेशन सरिस्का बाघ परियोजना के लिए किया गया।
उप वन संरक्षक मोहित गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण व मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजस्थान जयपुर के आदेशों की पालना में एसओपी की पालना करते हुए टी-134 बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा तथा आवश्यक जांच कर स्वस्थ अवस्था में सरिस्का टीम को संभलाया। बाघिन टी-134 को दोपहर 1ः40 बजे सरिस्का के लिए रवाना किया गया। यह बाघिन लगभग 3 वर्ष 6 माह की है जो अब तक अपनी टेरेटरी यहां स्थापित नहीं कर पाई थी। टी-134 बाघिन की मॉ टी-93 है जो अब नए शावकों के साथ विचरण कर रही है। इस क्षेत्र में अन्य बाघों का विचरण रहता है।
उक्त ट्रांसलोकेशन ऑपरेशन मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव एवं क्षेत्र निदेशक रणथम्भौर बाघ परियोजना एस.आर. यादव के नेतृत्व में किया गया। ट्रांसलोकेशन ऑपरेशन में क्षेत्र निदेशक सरिस्का आर.एन. मीणा, उप वन संरक्षक एवं उप क्षेत्र निदेशक कैलादेवी करौली डॉ. आर.एन. भाकर, उप वन संरक्षक उप क्षेत्र निदेशक प्रथम रणथम्भौर बाघ परियोजना मोहित गुप्ता, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक प्रतिनिधि संजीव शर्मा, उप वन संरक्षक एवं उप क्षेत्र निदेशक रामगढ़ विषधारी बाघ परियोजना बूंदी, डीपी जागावत उप वन संरक्षक एवं उप क्षेत्र निदेशक सरिस्का, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि अभिषेक भटनागर, अरूण शर्मा सहायक वन संरक्षक, विष्णु गुप्ता रेंजर, डॉ. सीपी मीणा, डॉ. राजीव गर्ग, डॉ. डी.डी. मीणा एवं रेस्क्यू प्रभारी राजवीर सिंह व अन्य कर्मचारीगण उपस्थित रहे।