दो दिवसीय ओरिएंटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ, मानसिक स्वास्थ्य और विधिक सेवाओं पर जोर  

दो दिवसीय ओरिएंटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ, मानसिक स्वास्थ्य और विधिक सेवाओं पर जोर  

अलवर।  
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अलवर द्वारा नालसा (मानसिक रूप से बीमार और बौद्धिक रूप से असक्षम व्यक्तियों को विधिक सेवाएं) स्कीम 2024 के तहत गठित कमेटी के लिए दो दिवसीय ओरिएंटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का गुरुवार को शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का आयोजन जिला न्यायालय परिसर के कॉन्फ्रेंस हॉल में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर और जिला एवं सेशन न्यायाधीश हरेंद्र सिंह के निर्देशानुसार किया गया।  

दीप प्रज्वलन और सरस्वती पूजन से शुरुआत  
कार्यक्रम की शुरुआत पातांजली शर्मा, सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी, द्वारा दीप प्रज्वलन और सरस्वती पूजन से की गई। प्रोजेक्टर के माध्यम से नालसा थीम सॉन्ग "एक मुठ्ठी आसमां" का प्रदर्शन किया गया।  

स्कीम 2024 के उद्देश्यों की जानकारी  
प्रथम सत्र में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मोहनलाल सोनी ने नालसा स्कीम 2024 के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह योजना मानसिक रूप से बीमार और बौद्धिक रूप से असक्षम व्यक्तियों को विधिक सहायता प्रदान करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बनाई गई है।  

मानसिक स्वास्थ्य और स्ट्रेस प्रबंधन  
डॉ. नरेंद्र सिंह सीनडोलिया ने मानसिक स्वास्थ्य के व्यावहारिक पहलुओं पर चर्चा की और उपस्थितजन को 'ब्रिदिंग एक्सरसाइज' के माध्यम से तनाव प्रबंधन की जानकारी दी। सुश्री अंकिता नेगी ने विकलांगता के प्रकारों और न्याय प्रणाली में विकलांग व्यक्तियों की आवश्यकताओं पर विस्तृत व्याख्या की।  

कानूनी पहलुओं पर जानकारी  
अंतिम सत्र में मुकेश गोठवाल ने मेंटल हेल्थ केयर एक्ट 2017 और राइट ऑफ पर्सन्स विद डिसएबिलिटीज एक्ट की जानकारी दी। उन्होंने नालसा स्कीम 2024 के कार्यप्रणाली पर भी विस्तार से चर्चा की।  

उपस्थितगण और प्रशिक्षण का महत्व  
इस कार्यक्रम में पैनल अधिवक्तागण, पैरा लीगल वॉलंटियर्स, डिप्टी और असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल सहित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी उपस्थित रहे। यह प्रशिक्षण मानसिक स्वास्थ्य और विधिक सहायता के महत्व को रेखांकित करता है, जिससे समाज के कमजोर वर्गों को बेहतर सहायता मिल सके।