मंत्रालयिक कर्मचारियों के जयपुर में चल रहे महापड़ाव से प्रभावित हो रहे राजकीय कामकाज जिले के मंत्रालयिक कर्मचारी के हड़ताल पर जाने से कई विभागों का कार्य ठप राज्य सरकार के राहत कैम्प भी होंगे प्रभावित
मंत्रालयिक कर्मचारियों के जयपुर में चल रहे महापड़ाव से प्रभावित हो रहे राजकीय कामकाज
जिले के मंत्रालयिक कर्मचारी के हड़ताल पर जाने से कई विभागों का कार्य ठप
राज्य सरकार के राहत कैम्प भी होंगे प्रभावित
चूरू। राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर एक पखवाड़े से चल रहे आन्दोलन, चूरू जिले के मंत्रालयिक कर्मचारियों की चल रही सामूहिक हड़ताल और अब चार दिनों से जयपुर में प्रदेश भर के कर्मचारियों के महापड़ाव के कारण सरकारी कामकाज बूरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। चूरू जिले के सभी मंत्रालयिक कर्मचारियों की सामूहिक हड़ताल से यहां कलक्ट्रेट, पंचायत समिति सहित विभिन्न विभागों में कामकाज ठप हैं। जिससे आमलोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की ओर से पदोन्नति के प्रथम पद वरिष्ठ सहायक की ग्रेड पे समकक्ष अन्य कैडर यथा ग्राम विकास अधिकारी, कृषि पर्यवेक्ष के अनरूप 2800 के स्थान पर 3600 किए जाने, सहायक प्रशासनिक अधिकारी की ग्रेड पे 4200, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी की गे्रड पे 4800 तथा प्रशासनिक अधिकारी की ग्रेड पे 6600 एवं संस्थान अधिकारी की गे्रड पे 7600 की जाने, अधीनस्थ मंत्रालयिक संवर्ग में संस्थापन अधिकारी के पश्चात 7वां नवीन पद ग्रेड पे 8700 का मुख्य संस्थापन अधिकारी के पदनाम सृजित किए जाने, वर्ष 2013 में किए गए प्रारंभिक वेतन 9840 को पुनस्र्थापित कर सातवें वेतन आयोग में तदनुसार मूल वेतन 25500 निर्धारण संबंधी आदेश जारी करने सहित मंत्रालियक कर्मचारियों ने 11 सूत्री मांग पत्र के निराकरण को लेकर चल रहे आन्दोलन के क्रम में राज्य सरकार की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाने से नाराज कर्मचारी जयपुर में महापड़ाव डाले हुए है।
चूरू जिला मुख्यालय सहित जिले के विभिन्न विभागों कामकाज नहीं हो पा रहे हैं। कलक्ट्रेट के करीब 45 मंत्रालयिक कर्मचारी हड़ताल पर चल रहे हैं जिससे यहां की बीस शाखाओं में एक हजार से ज्यादा फाइलें लम्बित पड़ी हैं। जिले भर में करीब दो हजार कर्मचारियों सहित मुख्यालय पर लगभग आठ सौ कर्मचारी सामूहिक हड़ताल पर है। एक ओर जहां सराकारी कार्यालयों में कामकाज नहीं हो पा रहे हैं। दूसरी और राजस्थान सरकार की ओर से 24 अप्रैल से आयोजित होने वाले प्रशासन शहरों के संग और राहत शिविरों के बहिष्कार किए जाने की चेतावनी से स्थिति असमंजस की बनी हुई है। मंत्रलायिक कर्मचारी वर्ग में एलडीसी, यूडीसी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी और संस्थापन अधिकारी आदि आते हैं तो जिले की अधिकतर ग्राम पंचायतों में एक-एक एलडीसी तो अवश्य है। इसलिए सामान्य कामकाज भी नहीं हो पा रहे हैं। नरेगा जैसे कार्य पर लगे श्रमिकों की मजदूरी सहित अन्य कार्य सहित कलेक्ट्रेट में आनेवाली परिवेदनाओं पर कोई काम नहीं हो पा रहा है। न्याय शाखा, रिकार्ड शाखा, रीडर, स्टोर, पंचायती राज, तहसील, संस्थापन और राजस्व आदि में काम नहीं हो रहा है। स्थिति यहां तक पहुंच गई हैं कि स्कूलों में चल रहे प्रवेश के दौरान बच्चों के लिए बनने वाले मूल निवास और जाति प्रमाण पत्र बनाने का काम भी प्रभावित हो रहा है।