देसूरी की नाल पर हादसे रोकने के लिए उपमुख्यमंत्री ने दिए अहम निर्देश  

देसूरी की नाल पर हादसे रोकने के लिए उपमुख्यमंत्री ने दिए अहम निर्देश  

जयपुर टाइम्स  
राजसमंद (कासं.) पाली और राजसमंद को जोड़ने वाली देसूरी की नाल पर सड़क हादसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने रविवार को घाट क्षेत्र का गहन निरीक्षण किया। कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ उपमुख्यमंत्री ने खतरनाक मोड़ों, तीव्र ढलानों और संकरी सड़कों का जायजा लिया। उन्होंने संबंधित विभागों को तुरंत सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने और सुधारात्मक कार्यों को एक महीने में पूरा करने के निर्देश दिए।  

निरीक्षण के दौरान उपमुख्यमंत्री ने सड़क चौड़ाईकरण, क्रॉस बैरियर, रंबल स्ट्रिप लगाने और एलिवेटेड रोड के लिए डीपीआर तैयार करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि सेफ्टी वॉल और अन्य सुरक्षा प्रबंधन से दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। दिया कुमारी ने कहा कि देसूरी की नाल का सुधार उनकी प्राथमिकता है और डबल इंजन सरकार में इस कार्य को शीघ्र पूरा किया जाएगा।  

देसूरी की नाल अरावली पर्वतमाला के बीच स्थित है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ खतरनाक ढलानों और तीखे मोड़ों के कारण जोखिम भरा है। यहां 15 खतरनाक मोड़ और 5 संकरी पुलियां हैं, जिनके चलते पिछले दो दशकों में कई बड़े हादसे हो चुके हैं। 2007 में यहां सबसे बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें 90 लोगों की जान गई थी। हाल ही में 8 दिसंबर को स्कूल बस दुर्घटना में तीन बच्चों की मौत के बाद क्षेत्र में सुधार की मांग तेज हो गई थी।  

उपमुख्यमंत्री के दौरे से स्थानीय लोगों में नई उम्मीद जगी है कि जल्द ही इस मार्ग पर हादसों का सिलसिला रुकेगा और यह सुरक्षित यात्रा का मार्ग बनेगा।

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने निरीक्षण कर दिए सुरक्षा निर्देश, देसूरी की नाल में रुकेगा हादसों का सिलसिला**  

जयपुर टाइम्स  
राजसमंद (कासं.) पाली और राजसमंद जिलों को जोड़ने वाले देसूरी की नाल पर बढ़ते सड़क हादसों को रोकने के लिए उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने रविवार को घाट क्षेत्र का निरीक्षण किया। खतरनाक मोड़ों, तीव्र ढलानों और संकरी सड़कों का जायजा लेने के बाद उन्होंने संबंधित विभागों को आवश्यक सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।  

निरीक्षण के दौरान उपमुख्यमंत्री ने सड़क चौड़ाईकरण, क्रॉस बैरियर, रंबल स्ट्रिप लगाने और एलिवेटेड रोड की डीपीआर तैयार करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी एक महीने में सेफ्टी वॉल और अन्य सुरक्षा प्रबंधन कार्य पूरे किए जाएंगे। इस दौरान कुंभलगढ़ विधायक सुरेंद्र सिंह राठौड़ और अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।  

देसूरी की नाल, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ खतरनाक ढलानों और तीखे मोड़ों के लिए जानी जाती है, पिछले दो दशकों में कई बड़े हादसों का गवाह बनी है। 2007 में हुए सबसे बड़े हादसे में 90 लोगों की मौत हुई थी, जबकि हाल ही में 8 दिसंबर को स्कूल बस पलटने से तीन बच्चों की जान चली गई।  

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देसूरी की नाल का सुधार उनकी प्राथमिकता है और डबल इंजन सरकार में यह कार्य हर हाल में पूरा किया जाएगा। उनके दौरे से क्षेत्रवासियों में उम्मीद जगी है कि यह खतरनाक मार्ग जल्द ही सुरक्षित बनाया जाएगा।