सुदामा जैसी सच्ची मित्रता दुर्लभ
सुजानगढ़ (नि.सं.)। गनोड़ा रोड़ पर आयोजित हो रही भागवत कथा के छठे दिन उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कथावाचक बुधराम सारस्वत ने कहा कि मित्रता सुदामा जैसी होनी चाहिए, क्योंकि सच्चा मित्र वही है, जो निःस्वार्थ है। उन्होंने कहा कि आज के युग में इस प्रकार के मित्र दुर्लभ हैं। मनीराम बासनीवाल ने भागवत् की पूजा अर्चना करवाई। भगवान शिव का रूद्राभिषेक हेमराज बासनीवाल व उनकी धर्मपत्नी गोमती देवी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में राजकुमार प्रजापत, कालूराम बाबरिया, डालमचंद, गोपाल छापोला, बालचंद बासनीवाल, महावीर, नानूराम बासनीवाल, पवन आदि सहयोग कर रहे हैं।