ब्राह्मण मुख्यमंत्री की उठने लगी मांग
सुजानगढ़ (नि.सं.)। स्थानीय दाधीच भवन में हम भारत के ब्राह्मण संगठन.. की ओर से बैठक का आयोजन किया गया। डॉ. श्यामसुंदर सेवदा ने बताया कि संगठन अनारक्षित वर्ग के राजनीति में घटते प्रतिनिधित्व को लेकर काफी चिंचित है। उन्होंने बताया कि 1952 और 1957 में चुनावों में 59 आरक्षित विधानसभा सीटों पर अनारक्षित वर्ग के लोग भी चुनाव लड़ सकते थे। लेकिन 1961 में इसे बदल दिया गया। जो अनारक्षित वर्ग के ब्राह्मण, राजपूत, महाजन, पंजाबी, सिंधी व कायस्थ समाज की पीढ़ियों को नुकसान पहुंचाने जैसा था। संगठन के अनुज पालीवाल ने कहा कि ब्राह्मण और क्षत्रिय समाज सहित अनारक्षित वर्ग का राजनीति में घटता प्रतिनिधित्व चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि संगठन ब्राह्मण मुख्यमंत्री का एजेंडा लेकर चल रहा है। जिसको लेकर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रमुखों और सरकारों को ज्ञापन दिए जा रहे हैं। एडवोकेट ऋषिराज राठौड़, चंचल शर्मा, विद्याधर पारीक आदि ने विचार प्रकट किए। इस अवसर पर राजेंद्र प्रसाद शर्मा, सवाई सिंह, रमेश व्यास, गोविंद प्रसाद शर्मा, श्रवण कुमार बागड़ा, ओमप्रकाश पारीक, एडवोकेट भंवरलाल शर्मा, एसपी आसोपा, रामदेव काकड़ा, हरिप्रसाद चोटिया, रामरतन बोचीवाल, सुभाष पारीक, मूलचन्द तिवाड़ी, राजकुमार बागड़ा, पंडित काशीराम सारस्वत, मनीष दाधीच सहित अनेक लोग मौजूद रहे।