समलैंगिक विवाह : भारतीय सभ्यता और संस्कृति के विपरीत

समलैंगिक विवाह : भारतीय सभ्यता और संस्कृति के विपरीत


चूरू। समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई को देखते हुए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (एबीआरएसएम) के उच्च शिक्षा संवर्ग ने इस तरह के विवाह का विरोध किया है। इस सिलसिले में संगठन के प्रदेश सह संगठन मन्त्री डॉ. सुरेन्द्र सोनी के नेतृत्व में अतिरिक्त जिला कलक्टर लोकेश कुमार गौतम को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में कहा गया है कि समलैंगिक विवाह हमारी सभ्यता व संस्कृति के पूर्णतया विपरीत है।
ज्ञापन में संगठन के प्रदेश महामंत्री डॉ. सुशील कुमार बिस्सु ने कहा है यदि यह कानून बन जाता है, तो यह विवाह रूपी पवित्र संस्था को ही विकृत करने वाला साबित होगा, जिससे भारतीय समाज का तानाबाना टूटकर बिखर जाएगा। प्रदेशाध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि समलैंगिक विवाह किसी भी रूप में मौलिक अधिकार नहीं है।