अलवर के दर्शकों के लिए तीसरी सौगात बिच्छू नाटक का हुआ मंचन
अलवर। 13 जनवरी से 28 मार्च तक अलवर में आयोजित होने वाले अनवरत नाटकों के मंचन की शृंखला में मोलियर द्वारा लिखित बिच्छू नाटक का मंचन किया गया।
प्रारम्भ के दो दिनों के नाटक भारतीय महान कथानकों रामायण व महाभारत पर आधारित थे। उत्सव की आज की प्रस्तुति यूरोपियन परंपरा के नाटकारों से दर्शकों को रूबरू कराती है। मोलियर फ्रांस के महान नाटककार और अभिनेता थे। वे अपने सुखांत और हास्य नाटकों के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं।
बिच्छू नाटक का प्रदर्शन राजस्थान के अभिनाट नाट्य संस्थान द्वारा ऋषिकेश शर्मा के निर्देशन में किया गया। इस फ्रेंच नाटक को हिन्दी भाषा में भारतीय परिवेश में रूपांतरित कर मंचित किया गया। नाटक के अभिनेताओं ने अपने अभिनय के द्वारा दर्शकों को कहकहे लगाने पर मजबूर कर दिया। शुरू से आखिर तक HMT थियेटर दर्शकों के ठहाकों व तालियों से गुंजायमान रहा।
हास्य नाटक बिच्छू दो परिवारों की कहानी है। इन दो परिवारों के दरम्यान विभिन्न स्थितियां आती हैं जिनसे हास्य उत्पन्न होता है। यह नाटक नवाब बन्ने मियां और मुन्ने मियां के परिवारों की कहानी है, जो बुजुर्गों के कंजूसपने को सामने रखती है और इश्क के लिए कुछ भी कर गुजरने के जज्बे को भी दिखाती है। इस नाटक का केंद्रीय पात्र रहमत जहां वह प्यार करने वाले नौजवानो की मदद भी करता है लेकिन इसके एवज में वह उनके बुजुर्गों की दौलत भी हड़प लेना चाहता है। यही वजह है कि नाटक का शीर्षक बिच्छू दिया गया है।
अलवर रंगम में एक अभिनव प्रयोग के तहत संगीत को समावेशित किया गया है, जिसके तहत नाटक के प्रारम्भ में संगीत की लघु प्रस्तुतियाँ रखी गईं हैं ताकि प्रेक्षागृह में आने वाले दर्शकों का एक तरह से वॉर्म अप और संगीत की पृष्ठभूमि से नाटक के लिए एक बेहतर वातावरण तैयार हो सके।
सोमवार को आर्काइव्ज़ संगीत विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा निदेशक अनिल सैनी और प्राचार्य विनीत चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में संगीत की मनमोहक प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अरावली आर्टिस्ट अकादमी अलवर के अध्यक्ष दिनेश भार्गव , विशिष्ट अतिथि इंद्रकुमार तोलानी, हिंदी के साहित्यकार जीवन सिंह मानवी रहे।