जल आन्दोलन को जन आन्दोलन बनाकर आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करे: उस्मान
जयपुर टाइम्स
चूरू। भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय की संयुक्त सचिव व ‘जल शक्ति अभियान‘ कैच द रैन 2024‘ की केन्द्रीय नोडल अधिकारी हेना उस्मान ने मानसून पश्चात जल शक्ति अभियान अन्तर्गत प्रगतिरत व पूर्ण कार्यों का निरीक्षण कर समीक्षा की। इस दौरान केन्द्रीय भूमि जल बोर्ड व जल शक्ति मंत्रालय, जयपुर के तकनीकी अधिकारी वैज्ञानिक बी (भू-भौतिकी) डॉ. प्रेमप्रकाश डूकिया भी उनके साथ रहे।
नोडल अधिकारी उस्मान ने कहा कि जल संरक्षण की वर्तमान आवश्यकताओं को देखते हुए जल आन्दोलन को जन आन्दोलन बनाकर आमजन की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित की जाए। अभियान को सफल बनाने के लिए जल संचयन के कार्यों में अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नारी शक्ति से जल शक्ति अभियान चलाया जाए। उन्होंने जलग्रहण विकास व भू-संरक्षण के अधिकारियों के साथ बुधवार को चूरू ब्लॉक के सातड़ा में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 अंतर्गत चूरू के रतनगढ़ ब्लॉक के रतनसरा के सुरजाणा पक्का जोहड निर्माण मय चारागाह विकास कार्य, तेजाणा जोहड निर्माण कार्य (मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान-2.0 प्रथम चरण) व बिरमाणा जोहड में सार्वजनिक जलकुण्ड निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने चूरू ब्लॉक के सातड़ा व तारानगर ब्लॉक में जल संरक्षण के कार्यों का निरीक्षण किया। उस्मान ने निरीक्षण के दौरान जल स्वच्छता समिति से चर्चा की व ग्रामों में जल वितरण प्रक्रिया का अवलोकन कर लाभान्वितों से चर्चा की।
बैठक में अधिकारियों को दिए निर्देश:
संयुक्त सचिव हेना उस्मान और जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने बुधवार को डीओआईटी वीसी सभागार में जल शक्ति अभियान अन्तर्गत संबंधित विभागों के अधिकारियों को बैठक में अभियान की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए।
संयुक्त सचिव उस्मान ने कहा कि सार्वजनिक डोमेन में व्यापक जल डाटा बेस और जल संसाधन पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का आकलन कर समावेश किया जाए। अधिकारी जल संरक्षण, जल संवर्धन के लिए नागरिक व राज्य कार्य को बढ़ावा देकर प्रगति सुनिश्चित करें। अति शोषित क्षेत्रों सहित संवेदनशील क्षेत्रों पर ध्यान केन्दि्रत करें और जल संरक्षण व जल का उपयुक्त आवश्यक उपयोग करने के प्रैक्टिस विकसित करें। आमजन की जल उपयोग दक्षता में वृद्धि करें और जमीनी स्तर पर एकीकृत जल संसाधन प्रबन्धन को बढावा दें। उन्होंने अधिकारियों को जिले में जल शक्ति केन्द्र के लिए एक डेडिकेटेड टीम के गठन के साथ आमजन की पहुंच जल शक्ति केन्द्र तक सुगम करने के लिए आवश्यक दिशा सूचक बोर्ड लगाने की बात कही। उन्होंने अधिकारियों को अपने- अपने विभाग से संबंधित अर्जित प्रगति का पूर्ण संकलन कर विभागवार पोर्टल पर प्रगति दर्ज करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने जिला परिषद स्थित जल शक्ति केन्द्र का निरीक्षण किया।
जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा ने संयुक्त सचिव की ओर से दिए गए निर्देशों की समयबद्ध व समुचित पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के महत्व के बारे में आमजन को जागरूक करें तथा उनके नियमित अभ्यास में जल संरक्षण को शामिल करें। जल संरक्षण के लिए हमारी प्रतिबद्ध प्रयास भौगोलिक स्तर पर सहयोगी साबित होंगे।
इस दौरान तकनीकी अधिकारी वैज्ञानिक-बी (भूभौतिकी) डॉ प्रेम प्रकाश डूकिया, एसीईओ श्वेता कोचर, एसीईओ दुर्गा ढाका, वाटरशेड एसई महेन्द्र सिंह, पीएचईडी एसई रमेश कुमार राठी, एक्सईएन महेन्द्र कुमार, आत्मा परियोजना निदेश दीपक कपिला सहित अधिकारी उपस्थित रहे।