सीकर में दो छात्रों की आत्महत्या से हड़कंप, कोचिंग की पढ़ाई बनी जानलेवा
सीकर जिला मुख्यालय पर सोमवार को दो छात्रों ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली, जिससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। ये दोनों छात्र कोचिंग संस्थानों के दो अलग-अलग ग्रुप में पढ़ाई कर रहे थे। एक छात्र, शैलेश, दसवीं की पढ़ाई कर रहा था, जबकि दूसरा छात्र, विशाल यादव, नीट की तैयारी में जुटा हुआ था।
शैलेश करौली का रहने वाला था और शनिवार को ही उसके परिजन उसे छात्रावास में छोड़कर गए थे। वहीं, विशाल यादव ने अपने किराए के कमरे में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। प्रारंभिक जांच में तनाव को आत्महत्या का कारण माना जा रहा है।
पुलिस ने दोनों आत्महत्याओं के मामलों की गहनता से जांच शुरू कर दी है। सीकर में इस प्रकार की घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए प्रशासन और पुलिस विभाग ने चिंता जताई है। राजस्थान के कोटा के बाद अब सीकर में भी छात्रों की आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिससे राज्य में शिक्षा प्रणाली और कोचिंग संस्थानों पर प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रों पर पढ़ाई का अत्यधिक दबाव और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान मिलने वाला तनाव उन्हें इस घातक कदम की ओर धकेल रहा है। सरकार और शिक्षण संस्थानों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का सामना न करना पड़े।
इन दुखद घटनाओं ने एक बार फिर से छात्र-छात्राओं के मानसिक स्वास्थ्य और उन्हें मिलने वाले समर्थन पर ध्यान आकर्षित किया है। यह समय है कि समाज और प्रशासन मिलकर इन समस्याओं का समाधान निकालें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।