'अपराधियों को कोर्ट ट्रायल मिलती है तो डॉक्टरों को क्यों नहीं

अलवर। अपराधियों को कोर्ट ट्रायल मिलती है तो डॉक्टरों को क्यों नहीं जैसा कि अशोक गहलोत सरकार ने राइट टू हेल्थ बिल विधानसभा में पारित किया, उसमें साफ लिखा है कि डॉक्टर की एक बार शिकायत के बाद वह डॉक्टर सिविल कोर्ट में भी नहीं जा सकता तो क्या डॉक्टर अपराधियों से भी बड़ा अपराधी हो गया कि उसकी सुनवाई कोर्ट में भी नहीं होगी।
अध्यक्ष डॉ. विजय पाल यादव ने बताया क्या ऐसा कानून आने के बाद कोई भी डॉक्टर किसी मरीज का सही इलाज कर पाएगा वे जनता से ही पूछते हैं कि यदि डॉक्टरों के खिलाफ ऐसा कानून सरकार ने पास किया है क्या उसके बाद मरीज की सेवा एक डॉक्टर निर्भीक होकर कर सकता है। आज 22 मार्च को आईएमए हॉल में 9 बजे से 11 बजे तक सरकारी एवं निजी डॉक्टरों की मीटिंग हुई। जिसमें निर्णय लिया गया की निजी हॉस्पिटल पूर्णता बंद रहेंगे और आज 11 बजे सभी अपने अस्पतालों की चाबी लेकर के आईएमए हॉल आएंगे और उसके बाद चाबियों को कलक्टर को सौंपेंगे।
उन्होंने बताया कि हम इस भय के वातावरण में काम नहीं कर सकते तथा शाम को सरकारी डॉक्टर भी अपने घरों पर मरीज नहीं देखेंगे। निजी डॉक्टर ने भी आश्वस्त किया कि आने वाले समय में यदि सरकार ने सरकारी डॉक्टरों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही की तो सभी निजी अस्पताल उनके खिलाफ होने वाली कार्रवाई पूर्णता समाप्त नहीं हो जाती तब तक कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे और इस पूर्ण बंद की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ सरकार की है क्योंकि सरकार ही ऐसा काला कानून विधानसभा में लेकर के आई है। सरकार केवल और केवल झूठ बोलकर के जनता से वोट बटोर ना चाहती है और जनता को यह समझना चाहिए कि जो आपके इलाज का झूठा दावा सरकार डॉक्टरों से कराने का कर रही है। उन डॉक्टरों की बात ही नहीं सुन रही है तो वह आप का इलाज कैसे सही कर सकते हैं।