सादुलपुर खिलाड़ी सपने पालना सीखे - डॉ. कृष्णा पूनिया केन्द्रीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर का हुआ शुभारम्भ

सादुलपुर खिलाड़ी सपने पालना सीखे - डॉ. कृष्णा पूनिया केन्द्रीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर का हुआ शुभारम्भ


राज्य भर के 300 से अधिक बालक व बालिका खिलाड़ी ले रहे है भाग
जयपुर। खिलाड़ी का जीवन काफी तपस्वी व संघर्षशील होता है। सपने पालने आसान है। उसे पूरा करने  के  लिए खिलाड़ी को कड़ी मेहनत के साथ तय किए गए लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर ऐशो आराम  को  छोड़ना पड़ता है। यह बात सोमवार को अन्तर्राष्ट्रीय खेल स्टेडियम, राजगढ़ में राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद के तत्वावधान में आयोजित  21 दिवसीय केन्द्रीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर के उद्वघाटन समारोह के दौरान खिलाड़ियों को सम्बोधित करते हुए  राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद की अध्यक्ष एवं  सादुलपुर विधायक पदमश्री ओलम्पियन डॉ. कृष्णा पूनिया ने कहीं। 
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कीे सकारात्मक सोच व दूरदर्शीता के परिणाम स्वरूप प्रदेश के खिलाड़ियों का भविष्य काफी उज्जवल है। इसी के नतीजन राज्य के युवाओं को मोबाइल व टी. वी. की लत से दूर करने को लेकर अयोजित किए गए राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेल के आयोजन ने विश्व कीर्तिमान स्थापित करने का काम करते हुए प्रदेश में खेल संस्कृति को विकसित करने का  काम किया गया है। 
डॉ. पूनिया न केन्द्रीय आवासीय प्रशिक्षण शिविरों की उपयोगिता एवं महत्वता पर प्रकाश डालते हुए कहा शिविरार्थियों को प्रशिक्षकों की ओर से सिखाई जाने वाली हर चीज को गहराई से अधिकाधिक सीखने की कोशिश करनी चाहिए। शिविरों के माध्यम से छिपी खेल प्रतिभाओं के हुनर को तलाशकर उन्हें तराशने का काम बखूबी किया जा रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नगर पालिका अध्यक्ष रजिया गहलोत ने अपने  संबोधन में कहा कि खिलाड़ियों की सबसे बड़ी विशेषता यहां पर मिलने वाला पारिवारिक माहौल है। खिलाड़ी की पहचान अनुशासन एवं संयमित जीवन के रूप में समाज में जानी जाती रही है।
समारोह में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक बुटौलिया, उपखण्ड अधिकारी रणजीत सिंह, सेवानिवृत पुलिस अधीक्षक नियाज मोहम्मद एवं राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद के मुख्य खेल अधिकारी एवं  मुख्य शिविर निदेशक वीरेन्द्र पूनिया बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद थे। 
उपखण्ड अधिकारी रणजीत सिंह ने खिलाड़ियों  को सम्बोधित करते हुए कहा कि खेल एक जुनून है। जिसने इसको अपना लिया वह इसका ही होकर रह गया। 
इसी प्रकार  खिलाड़ियों से  अपने अनुभव साझा करते हुए मुख्य खेल अधिकारी एवं मुख्य शिविर निदेशक वीरेन्द्र पूनिया ने कहा कि प्रदेश में पहली बार किसी खिलाड़ी को राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है। जिसके कारण गांव -गांव, ढ़ाणी - ढ़ाणी में आमजन का रूझान खेलों के साथ - साथ स्वास्थ्य के प्रति बढ़ा है। मुख्यमंत्री की ओर से खेलों का वातावरण बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है। ब्लॉक स्तर खेल स्टेडियम, स्पोर्ट्स स्कूल, आवासीय खेल अकादमियां, मल्टीपरपरज इंडोर हॉल व सिन्थेटिक टेªक का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही पहली बार जयपुर व जोधपुर में पैरा खिलाड़ियों को पैरा अकादमी की सौगात प्रदान की गई है। 
पूनिया ने कहा कि खेल सुविधाओं के बढ़ने के कारण प्रदेश के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पदक हासिल कर गौरन्वित करने का काम भी किया है। खिलाड़ी को सही समय पर अपनी रूचि के अनुसार खेल का चयन कर लेना चाहिए। 
कार्यक्रम के प्रारम्भ में शिविर निदेशक सबल प्रताप सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए शिविर प्रतिवेदन प्रस्तुत करत हुए बताया कि 21 दिवसीय केन्द्रीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर में कबड्डी, खो-खो, वालीबॉल, एथलेटिक्स, जूडो व कुश्ती खेलों में किया जा रहा है। शिविर में 201 बालक व 122 बालिका खिलाड़ी भाग ले रहे है। 
सहायक शिविर निदेशक एवं जिला खेल अधिकरी  प्रकाश राम ने सभी आंगतुक अतिथियों, प्रशिक्षकों एवं खिलाड़ियों को आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद दिया।
इस मौके पर काफी संख्या में  गणमान्य नागरिक व राज्य क्रीड़ा परिषद के अधिकारी एवं कर्मचारीगण मौजूद थे।