दो दिवसीय गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर की हुई शुरूआत 

दो दिवसीय गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर की हुई शुरूआत 

मंत्री टीकाराम जूली ने किया शिविर का उद्घाटन

शांति एवं अहिंसा विभाग की ओर से हो रहा है आयोजन

अलवर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने प्रताप ऑडिटोरियम में शांति एवं अहिंसा विभाग के द्वारा आयोजित दो दिवसीय जिला स्तरीय गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन किया।
मंत्री टीकाराम जूली ने जिला प्रमुख बलबीर सिंह छिल्लर, जिला बीसूका उपाध्यक्ष योगेश मिश्रा, शांति एवं अहिंसा विभाग के निदेशक मनीष शर्मा, जिला गांधी दर्शन समिति के सह संयोजक हिमांशु शर्मा व प्रमुख गांधी विचारक मनोज ठाकरे, सतीश राय, धर्मवीर कटेवा, ओमप्रकाश ढहलावास् की मौजूदगी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर शिविर की विधिवत शुरूआत की।
मंत्री जूली ने प्रशिक्षण शिविर में आए समस्त प्रशिक्षाणार्थी, गांधी जीवन दर्शन समिति के संयोजक, सह संयोजक, सदस्य व आमजन को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने विश्व को अहिंसा का विचार दिया। आज सम्पूर्ण विश्व गांधी जी द्वारा सिखाए अहिंसा के मार्ग से सीख लेता है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा के विचारों को अपनाकर अपना जीवन राष्ट्रसेवा में समर्पित करना चाहिए। उन्होंने महात्मा गांधी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने राष्ट्र को जाति भेद खत्म करने के लिए प्रेरित किया व स्वयं अपने आश्रम से इसकी शुरूआत की। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण हेतु उन्हें आन्दोलन की मुख्यधारा का हिस्सा बनाया। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढी को महात्मा गांधी के संघर्ष, उनके अहिंसा के प्रयोग व उनकी जीवनी को जरूर पढना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में देश में सर्वप्रथम राजस्थान में शांति एवं अंहिसा निदेशालय की स्थापना की गई है। उन्होंने राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के मार्ग का अनुसरण करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार कल्याणकारी योजनाओं से आमजन को लाभांवित कर रही है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत रखने की हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। प्रशिक्षण शिविर में गांधी विचारक एवं विशिष्ठ वक्ता प्रो. सतीश राय ने कहा कि गांधी एक सर्वकालीक विचार है। उन्होंने कहा कि गांधी जी का सत्याग्रह सत्य, अहिंसा और प्रेम पर आधारित है। गांधी जयन्ती को आज अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रिका प्रवास के संघर्ष, भारत आगमन के बाद जन आन्दोलनों की शुरुआत जैसे चम्पारण, सविनय अवज्ञा आन्दोलन करो या मरो जैसे आन्दोलनों पर प्रकाश डाला।
शांति एवं अहिंसा विभाग के निदेशक मनीष शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि इस विभाग की शुरूआत निदेशालय के तौर पर हुई थी। मुख्यमंत्री गहलोत के विजन के अनुरूप आज यह विभाग शांति एवं अहिंसा के क्षेत्र में आमजन को जागरूक कर अनूठे रूप में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग के तहत सम्पूर्ण राजस्थान में गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में 50 हजार महात्मा गांधी सेवा प्रेरक लगाने की अनुमति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल के बाद ग्राम पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का जीवन जनसेवा को समर्पित था। नई पीढी महात्मा गांधी से सीखे उनके विचारों को अपनाए। गांधी विचारक मनोज ठाकरे ने शिविर में अपने संबोधन में कहा कि सरकार द्वारा इस विभाग के गठन का फैसला अनुकरणीय है। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले प्रशिक्षणार्थी गांधी की तरह हमें अनुशासित जीवन जीना चाहिए। महात्मा गांधी के विचार समानता के विचार थे। उन्होंने आजादी की लड़ाई के साथ समाज के सभी वर्गों में समानता, एकता स्थापित कर उत्थान का कार्य किया। गांधी जी ने जीवन पर्यन्त अस्पृश्यता के खिलाफ लड़ाई लड़ी। जिला गांधी दर्शन समिति के सह संयोजक हिमांशु शर्मा ने कहा कि हमें महात्मा गांधी के स्वदेशी आन्दोलन से सीख लेकर स्वदेशी उत्पादों को बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण गांधी द्वारा चरखा चलाकर खादी निर्माण है।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने श्रमिक वर्ग: किसान वर्ग के कल्याण हेतु कार्य किए। साथ ही उन्होंने महिला शिक्षा को भी बढ़ावा दिया। गांधी के विचारों को अपनाकर हमें श्रेष्ठ समाज बनाना है। 
कार्यक्रम में एडीएम द्वितीय इन्द्रजीत सिंह, जिला परिषद की सीईओ रेखारानी व्यास सहित गांधीवादी विचारक व समिति सदस्य नागेन्द्र सिंह, डॉ. सुरेश शर्मा एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।