पीलिया से लीवर व दिमाग में इंफेक्शन, 15 दिन मैं दीपित शेखावत को दिया नया जीवनदान

चोमू जयपुर रोड राधा स्वामी बाग स्थित टोकस गैस्ट्रो एवम सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के निर्देशक पेट रोग कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक टोकस ने बताया की मरीज दीप्ति शेखावत, उम्र 16 वर्ष, निवासी सांधरसर, मरीज काफी लंबे समय से पीलिया से ग्रसित थी, पीलिया का प्रथम दृष्टि झाड़ फूक एवं देशी ईलाज लेते रहे जिससे पिलिया कम नही हुआ और गहरा होकर दिमाग में इंफेक्शन( Encephalopathy, Maningitis ) हो गया, उसकी हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई, फिर मरीज के परिजन, मरीज को टोकस गैस्ट्रो हॉस्पिटल में लाए, जहां पर डॉ. टोकस ने उन्हें भर्ती किया I मरीज को लम्बे समय से पीलिया होने की वजह से उसका लीवर खराब हो चुका था, INR- 11 आ रहा था, और ब्लीडिंग भी हो रही थी, मरीज को गैस्ट्रो विभाग, न्यूरो विभाग, फिजिशियन विभाग व इन्टेनसिव विभाग में भर्ती किया गया I डॉ. अशोक टोकस, डॉ. रवि गोयल, डॉ. जैन व डॉ. मनिष लॉयल के देखरेख में ईलाज हुआ ।
डॉ. अशोक टोकस ने बताया कि दुषित खाना व पानी की वजह से HAV वायरस शरीर मे प्रवेश कर जाता है। जिससे बिलीरुबिन नामक पिगमेंट की मात्रा खून में बढ़ जाती है, जिससे त्वचा, आंखों का सफ़ेद हिस्सा, और नाखून का रंग पीला हो जाता है। पिलिया की वजह से खुन का पतला होना, BLEEDING होना तथा अमोनिया बढ़ने से बेहोश होना ये सब हो सकते है। पीलिया नवजात शिशुओं से लेकर बुज़ुर्गों तक किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है।पीलिया के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए, समय रहते इलाज न मिलने पर लिवर कमज़ोर हो सकता है। मरीज की जान भी जा सकती है।