राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर आरसीडीएफ की सफलता, जीते दो बड़े पुरस्कार   भीलवाड़ा और हनुमानगढ़ दुग्ध संघ को मिली राष्ट्रीय पहचान  

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर आरसीडीएफ की सफलता, जीते दो बड़े पुरस्कार   भीलवाड़ा और हनुमानगढ़ दुग्ध संघ को मिली राष्ट्रीय पहचान  

नई दिल्ली। राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर राजस्थान सहकारी दुग्ध महासंघ (आरसीडीएफ) ने नई दिल्ली में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए दो प्रमुख पुरस्कार जीते। भीलवाड़ा दुग्ध संघ की प्रतापपुरा दुग्ध उत्पादक समिति को "श्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति" और हनुमानगढ़ दुग्ध संघ के राजेंद्र कुमार व वीरेंद्र कुमार सैनी को "बेस्ट एआई टेक्नीशियन" पुरस्कार से सम्मानित किया गया।  

पुरस्कार स्वरूप नकद राशि और प्रशस्ति पत्र 
आरसीडीएफ की प्रशासक एवं प्रबंध संचालक श्रुति भारद्वाज ने यह पुरस्कार ग्रहण किए। विजेताओं को तीन-तीन लाख रुपये की नकद राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। इस दौरान राजस्थान के गृह एवं डेयरी राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने विजेताओं की सराहना करते हुए उनका मनोबल बढ़ाया।  

गोपाल रत्न अवार्ड भीलवाड़ा को मिला सम्मान  
पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने गोपाल रत्न अवार्ड भीलवाड़ा को प्रदान किया, जिसे देशभर के 2574 आवेदकों में से चुना गया। यह पुरस्कार राजस्थान की डेयरी उद्योग की उत्कृष्टता को दर्शाता है।  

आरसीडीएफ की नई पहलें और पर्यावरण संरक्षण  
आरसीडीएफ ने हाल ही में सरस अमृतम अभियान और सरस स्वरोजगार योजना जैसी पहल शुरू की हैं, जो युवा और महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन दे रही हैं। साथ ही, कार्बन क्रेडिट अर्जित करने और पर्यावरण संरक्षण में भी राजस्थान की डेयरियों ने राष्ट्रीय स्तर पर सराहना प्राप्त की है।  

आरसीडीएफ की यह उपलब्धि राज्य के दुग्ध उत्पादकों की मेहनत और नवाचार का नतीजा है, जो पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है।