लक्ष्य अंत्योदय -प्रण - अंत्योदय ,पथ -अंत्योदय को साकार करती श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना "अब पहले से और भी ज्यादा
प्रदेश में लक्ष्य अंत्योदय- प्रण अंत्योदय (धर्मिता चौधरी)
-पथ अंत्योदय की संकल्पना को साकार करती हुई सुशासन को समर्पित राज्य सरकार गरीब एवं जरूरतमंदों के लिए कृत संकल्पित है और इसी के अंतर्गत श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना राजस्थान सरकार की महत्वपूर्ण योजना है इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को रियायती दर पर शुद्ध, पौष्टिक, ताजा भोजन उपलब्ध करवाना है।
रोटी कपड़ा और मकान आम और खास व्यक्ति की प्राथमिक आवश्यकताएं हैं जिन्हें वह प्राप्त करने के लिए पूरे जीवन मेहनत करता है और अपनी व अपने परिवार की रोटी ,कपड़ा, मकान की आवश्यकता को पूरा करता है
माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना के माध्यम से आमजन को विश्वास दिलाया है कि राज्य में हर जरूरतमंद व्यक्ति को दो समय का मात्र ₹8 में शुद्ध व पौष्टिक भोजन सम्मानपूर्वक उपलब्ध करवाया जाएगा
माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने खाने की गुणवत्ता एवं मात्रा में भी सुधार किया है जो कि राज्य सरकार का एक सराहनीय कदम है और गरीबो एवं जरूरतमंदों के प्रति संवेदनशीलता एवं सेवायम के भाव को चरितार्थ करता है
यही नहीं अब तो थाली में खाने की मात्रा भी बढ़ा दी गई है पहले जहां ₹8 में 450 ग्राम भोजन मिलता था वहीं अब बढ़ाकर 600 ग्राम कर दिया गया है यानी कि अब जरूरतमंदों की थाली का वजन भी बढ़ गया है इससे पहले तक एक लाभार्थी का पेट नहीं भरने पर वह एक कूपन और लेकर दूसरी थाली भी ले सकता था यानी कि उसे ₹8 और देने पड़ते थे लेकिन अब एक लाभार्थी को एक समय पर उसी आठ रूपए में एक थाली भोजन का कूपन दिया जाएगा क्योंकि अब एक ही बार में 450 ग्राम से 600 ग्राम थाली का वजन कर दिया गया है यानी कि अब एक ही बार में भरपेट भोजन करवाया जाएगा। श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना की खास बात यह भी है कि इसमें मिलेट्स को भी शामिल किया गया है बाजरे की खिचड़ी, दलिया आदि को भी मेन्यू में शामिल किया गया है
अगर हम मेन्यू की बात करें तो लाभार्थियों को दिए जाने वाली थाली में 300 ग्राम चपाती 100 ग्राम दाल 100 ग्राम सब्जी 100 ग्राम चावल या फिर मोटा अनाज और आचार उपलब्ध कराया जा रहा है श्री अन्नपूर्णा रसोई की शांत और स्वच्छ जगह और सम्मानपूर्वक भोजन की व्यवस्था यहां आकर खाना खाने वाले हर व्यक्ति को सुकून भरा एहसास देता है इतना ही नहीं कचरे के सेग्रीकेशन के लिए भी व्यवस्था की गई है इसके लिए अलग-अलग गीले व सूखे कचरे के दो डस्टबिन रखे गए हैं जिसमें एक में गीला कचरा जैसे सब्जियों के छिलके आदि डाले जाते हैं दूसरे में सूखे कचरे जैसे अखबार, लोहा ,प्लास्टिक ,अनुपयोगी कपड़ा ,पैकेजिंग मैटेरियल को डाला जाता है ।
वर्तमान में 240 शहरी निकायों में 1000 श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना संचालित की जा रही है जिसके अंतर्गत 10 नगर निगम के अंतर्गत 263 अन्नपूर्णा रसोई एवं 36 नगर परिषदों में 310 श्री अन्नपूर्णा रसोई एवं 194 नगर पालिकाओं में 427 श्री अन्नपूर्णा रसोइयों के माध्यम से गरीब एवं जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है।
भोजन का समय प्रातः 8:30 बजे से 3:00 बजे तक एवं रात्रि कालीन भोजन सायं 5:00 बजे से 9:00 बजे तक रखा गया है यानी की राज्य के गरीब व जरूरतमंदों को दो समय के शुद्ध, पौष्टिक ,ताजा भोजन की गारंटी राज्य सरकार द्वारा दी गई है
इस योजना के अंतर्गत रसोई संचालकों को 22 रुपए प्रति थाली राजकीय अनुदान भी दिया गया है इससे पूर्व की तत्कालीन सरकार द्वारा मात्र 17 रुपए प्रति थाली राजकीय अनुदान देय था । वर्तमान राज्य सरकार द्वारा ₹22 प्रति थाली राजकीय अनुदान किया गया है जो कि राज्य सरकार का सराहनीय कदम है एवं उनके सेवायम के भाव को चरितार्थ करता है
इसी के साथ योजना के क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग हेतु जिले में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समन्वय एवं मॉनिटरिंग समिति द्वारा रसोई संचालन हेतु 550 से भी अधिक स्थानीय एनजीओ का भी चयन किया गया है
इस योजना के अंतर्गत अब तक कुल 40,000 से भी अधिक भोजन प्रायोजन कर्ता द्वारा भोजन प्रायोजित किया गया है जिनके द्वारा किसी विवाह , शादी ,समारोह ,जन्मदिन ,पुण्यतिथि आदि किसी विशेष अवसर पर भोजन उपलब्ध करवाया जाता है
अन्नपूर्णा रसोई योजना की सबसे खास बात यह है कि इसकी आईटी आधारित मॉनिटरिंग भी की जाती है इसके अंतर्गत प्रारंभ से अंत तक पेपरलेस कार्य किया जाता है जिसके लिए अन्नपूर्णा रसोई वेब पोर्टल वेबसाइट बनाई गई है इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर लाभार्थियों के वास्तविक फोटो श्री अन्नपूर्णा रसोई पोर्टल पर अपलोड किए जाते हैं इसी के साथ रसोई एजेंसी द्वारा आधार प्रमाणीकरण प्रक्रिया से ऑनलाइन इनवायस जेनरेशन एवं ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था भी की गई है
नगरीय निकायों द्वारा भोजन की गुणवत्ता पर निगरानी हेतु श्री अन्नपूर्णा रसोइयों का प्रतिमाह कम से कम दो बार निरीक्षण कर निरीक्षण रिपोर्ट मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन प्रेषित करने का भी प्रावधान किया गया है
नगरीय निकायों के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर श्री अन्नपूर्णा रसोइयों पर जाकर खाने की गुणवत्ता और स्वच्छता कि जांच की जाती है रसोई संचालकों द्वारा गलत कूपन काटे जाने पर या समुचित साफ सफाई नहीं रखने पर या भोजन मेन्यू के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण नहीं पाई जाने पर पेनल्टी लगाई जाने का भी प्रावधान किया गया है जैसे रसोई संचालक द्वारा यदि गलत कूपन काटा जाता है तो ₹2000 प्रति गलत कूपन पेनल्टी लगाने का प्रावधान रखा गया है
रसोई संचालकों द्वारा गलत फोटो खींचे जाने पर गलत कूपन काटे जाने पर ₹100000 पेनल्टी अनुबंध निरस्त, संस्था ब्लैक लिस्ट एवं F.I.R दर्ज करने का भी प्रावधान है इसी के साथ यदि रसोई में समुचित साफ सफाई नहीं पाई जाती है यह भोजन मेन्यू के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण नहीं पाया जाता है या अन्य समुचित व्यवस्थाएं नहीं पाई जाती है तो भी पेनल्टी लगाने का प्रावधान रखा गया है
इसी के साथ उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं को समय-समय पर प्रशस्ति पत्र से सम्मानित भी किया जाता है
कोरोना महामारी में भी इन रसोइयों के योगदान को भुलाया लाया नहीं जा सकता जब गरीबों एवं जरूरतमंदों तक निःशुल्क भोजन उपलब्ध करवाया गया।
इतना ही नहीं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा जैसे रीट, पटवार, पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षाओं के अभ्यर्थियों को इन रसोइयों का अतिरिक्त काउंटर लगाकर प्रतिभागियों को निःशुल्क एवं रियायती दर पर भोजन उपलब्ध करवाया जाता रहा है
केवल गरीब जरूरतमंदों के लिए ही नहीं बल्कि आम और खास व्यक्तियों के लिए भी व्यवस्था की गई है जिसके तहत पुण्यतिथि, जन्मदिन, शादी की सालगिरह आदि पर प्रयोजन कर्ता द्वारा भोजन प्रायोजित करने की व्यवस्था भी की गई है
यह एक ऐसी महत्वपूर्ण योजना है जो राज्य के हर गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति को दो समय के शुद्ध पौष्टिक भोजन की गारंटी देती है
अंत में मैं केवल इतना निवेदन करना चाहूंगी कि केवल गरीबों व जरूरतमंद व्यक्ति ही नहीं बल्कि राज्य के हर व्यक्ति को एक बार तो श्री अन्नपूर्णा रसोई की स्वादिष्ट थाली का स्वाद जरूर रखना चाहिए।।।