कैशलेस इलाज में देरी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र को लगाई फटकार

कैशलेस इलाज में देरी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र को लगाई फटकार


जयपुर टाइम्स, नई दिल्ली 

सुप्रीम कोर्ट ने मोटर दुर्घटना पीड़ितों को कैशलेस इलाज मुहैया कराने की योजना में देरी को लेकर केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने सड़क परिवहन मंत्रालय के सचिव को 28 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तलब करते हुए स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।  

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने स्पष्ट कहा कि 8 जनवरी को दिए गए आदेश के बावजूद केंद्र ने योजना लागू नहीं की, जो न सिर्फ न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है बल्कि लोगों की जान बचाने वाले कानून के क्रियान्वयन में गंभीर देरी भी है।  

कोर्ट ने कहा कि यह केंद्र सरकार का स्वयं का कानून है और यदि इसे समय पर लागू नहीं किया गया तो कई लोग गोल्डन ऑवर में इलाज न मिलने से अपनी जान गंवा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पहले 8 जनवरी को आदेश देते हुए सरकार को 14 मार्च तक कैशलेस इलाज की योजना तैयार करने को कहा था, जिससे दुर्घटना के बाद पहले एक घंटे के भीतर पीड़ित को त्वरित चिकित्सा मिल सके।  

कोर्ट ने दो टूक कहा कि आदेशों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।