बालिकाओं एवं महिलाओं को सही व गलत की पहचान करनी होगी - पूनिया

बालिकाओं एवं महिलाओं को सही व गलत की पहचान करनी होगी - पूनिया


लैंगिक उत्पीड़न पर हुई एक दिवसीय कार्यशाला
जयपुर। गुड़ टच व बैड टच के साथ - साथ बालिकाओं एवं महिलाओं को सही व गलत की पहचान करनी होगी। हर गलत चीज का विरोध करके अपने साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ आवाज मुखर करनी चाहिए। मां - बाप से नहीं कहीं जाने वाली व छिपाई जाने वाली हर बात गलत है। यह बात सवाई मानसिंह स्टेडियम के मुख्य सभागार में 63 वें केन्द्रीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभागी शिविरार्थी खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों एवं महिला कार्मिकों के लिए आयोजित लैंगिक उत्पीड़न (निवारण प्रतिबन्ध व प्रतिशोष) पर हुई एक दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्य खेल अधिकारी एवं मुख्य शिविर निदेशक वीरेन्द्र पूनिया ने कहीं। उन्होंने कहा कि समाज में इस बात को लेकर अभी जागरूकता नहीं आई है। महिलाएं बदनामी के डर से इसका विरोध करने से कतराती है। इसलिए समस्या जस की तस बनी हुई है।
कार्यवाहक सचिव व वित्तीय सलाहकार महावीर प्रसाद मीणा ने कार्यशाला का उद्वघाटन करते हुए सहभागियों को सम्बोधित हुए कहा वर्तमान समय में कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं कहा जा सकता। इसलिए स्वयं को ही इन चीजों का विरोध करने की पहल करनी होगी। राज्य क्रीड़ा परिषद की ओर से इसको लेकर खेल प्रबन्धक की अगुवाई में कमेटी का गठन किया गया हुआ है। पीड़ित खिलाड़ी अपनी समस्या इस कमेटी के समक्ष रख सकती है।
कार्यशाला को प्रज्ञा देशपाण्डे (क्लिनिकल फिजियोलिस्ट) व एन.जी.ओ. कार्यकर्ता निशा सिद्धु की ओर से पीपीटी के माध्यम से जागरूक करते हुए अपने अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान की।
इससे पहले कार्यक्रम संयोजक खेल प्रबन्धक कोमल चौधरी ने लैगिंग उत्पीड़न कार्यशाला की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए आगंतुक अतिथियों का स्वागत करते हुए आभार प्रकट किया।