मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों के प्रति संवेदना आवश्यक: न्यायाधीश हरेंद्र सिंह 

मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों के प्रति संवेदना आवश्यक: न्यायाधीश हरेंद्र सिंह 


अलवर। जिला न्यायालय परिसर में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत मानसिक रूप से बीमार और बौद्धिक रूप से असक्षम व्यक्तियों को विधिक सेवाएं देने के लिए ओरिएंटेशन प्रशिक्षण का समापन हुआ। यह कार्यक्रम नालसा स्कीम 2024 के अंतर्गत राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अलवर द्वारा आयोजित किया गया।  

जिला न्यायाधीश का संदेश  
जिला एवं सेशन न्यायाधीश हरेंद्र सिंह ने मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों के प्रति संवेदना और प्रेमपूर्ण व्यवहार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान सही उपचार और समाज से मिलने वाले सहयोग से संभव है।  

समाज और परिवार का प्रभाव  
सिंह ने बताया कि मानसिक बीमारियों का एक कारण समाज में बढ़ती एकल परिवार की प्रवृत्ति और आपसी जुड़ाव की कमी भी है। उन्होंने वृद्धजनों के प्रति सम्मान और समय देने की बात पर जोर दिया।  

स्कीम 2024 के बारे में जानकारी  
दूसरे सत्र में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मोहनलाल सोनी ने नालसा स्कीम 2024 के तहत मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों के अधिकारों और उन्हें नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आश्रय गृहों और अन्य संस्थानों में विधिक सेवाएं पहुंचाने के लिए विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे।  

जागरूकता पर जोर  
अंतिम सत्र में मुस्तफा खान ने पैरा लीगल वॉलेंटियर्स और अन्य संस्थाओं के सहयोग से मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने और अधिक से अधिक लोगों तक सेवाएं पहुंचाने की आवश्यकता पर चर्चा की।  

विशेषज्ञों की उपस्थिति 
कार्यक्रम में वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों, पैनल अधिवक्ताओं, और पैरा लीगल वॉलेंटियर्स ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान संवेदनशील विषयों पर चर्चा और जागरूकता बढ़ाने के उपाय सुझाए गए।