अब होगा चूरू शहर का कायाकल्प, अग्रसेन नगर फाटक पर बनेगा टी आकार का फोरलेन आरओबी

अब होगा चूरू शहर का कायाकल्प, अग्रसेन नगर फाटक पर बनेगा टी आकार का फोरलेन आरओबी


चूरूः शहर वासियों के लिये अच्छी खबर है, कि करीब पांच वर्ष से ज्यादा समय से अटके जिला मुख्यालय के अग्रसेन नगर फाटक का काम अगस्त माह तक शुरू होने की उम्मीद है। कलेक्ट्रेट के आगे अग्रसेन नगर फाटक पर टी आकार में बनने वाला आरओबी फोरलेन का होगा। इस आरओबी की दोनों ओर चौड़ाई 7-7 मीटर होगी। आरओबी के दोनों ओर 3.75 मीटर की सर्विस रोड़ भी बनेगी। वर्कआर्डर के बाद इस आरओबी के बनने में 18 महीने लगेंगे। इसके बाद भारी वाहनों के आवागमन में आसानी होगी। उपमुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री दीया कुमारी ने टेंडर की स्वीकृति जारी कर दी है। उन्होंने बताया कि जल्द ही फर्म को वर्क ऑर्डर देकर काम शुरू करवाया जाएगा। विधायक हरलाल सहारण ने बताया कि कुल 97 करोड़ 95 लाख रुपए में से 76 करोड़ 36 लाख रुपए राज्य सरकार एवं 21 करोड़ 59 लाख रुपए रेलवे की सहभागिता से काम होगा। फोरलेन आरओबी निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी ने टेंडर जारी किए थे, जिसमें विभिन्न फर्मों ने भाग लिया और न्यूनतम रेट प्रस्तुत करने वाली फर्म को 77 करोड़ 21 लाख रुपए की लागत वाले टेंडर को स्वीकृति दे दी गई है। पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन बीएल सोनी ने बताया कि आरओबी का टेंडर श्रीगंगानगर की फर्म को दिया गया है। आरओबी की लंबाई करीब 900 मीटर होगी। ये स्टेशन रोड़ स्थित पेट्रोल पंप के सामने से शुरू होकर कलेक्ट्रेट के आगे फाटक पर टी आकार में बनेगा। कलेक्ट्रेट के आगे आरओबी की ऊंचाई करीब साढ़े छह मीटर होगी। अग्रसेन नगर में सर्किल के पास जाकर सड़क में मिल जाएगा। दुसरी तरफ आरओबी डिस्कॉम एसई ऑफिस तक जाएगा। कलेक्ट्रेट के आगे अग्रसेन नगर फाटक से चूरू-रतनगढ़ रेलमार्ग से रोज 60 से अधिक ट्रेनें एवं मालगाडियों का आवागमन होता है। इस फाटक की टीवीयू यानी ट्रैफिक व्हीकल यूनिट करीब 3 लाख तक पहुंच गई है। इसलिए इसे फोरलेन बनाने का निर्णय लिया गया है। फोरलेन आरओबी बनने के बाद इससे ये तीन बड़े फायदे होंगे।
अग्रसेन नगर कॉलोनी, रामसरा, ऊंटवालिया के अलावा रेलवे कॉलोनी, मंगला कॉलोनी, ओम कॉलोनी, शिव कॉलोनी के निवासियों को सीधे तौर पर इसका फायदा मिलेगा।
आरओबी बनने के बाद रेलवे फाटक को क्रॉस नहीं करना पड़ेगा। हर पैदल राहगीर शहर के व्यक्ति और वाहन चालकों को भी बार-बार फाटक बंद होने की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।
आरओबी बनने के बाद क्रॉसिंग पर लगने वाले समय की बचत होगी। इस फाटक पर 24 घंटे में करीब 6 घंटे तो लोगों को इंतजार करना ही पड़ता है।