विकास और राष्ट्रवाद को संविधान की प्रस्तावना से जोड़ने की अपील: उपराष्ट्रपति धनखड़
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को सातवें रक्षा संपदा दिवस के अवसर पर कहा कि विकास, राष्ट्रवाद, सुरक्षा और जनकल्याण से जुड़ी हर योजना को संविधान की प्रस्तावना के नजरिए से देखा जाना चाहिए। उन्होंने संविधान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह हमारे राष्ट्र निर्माण का मूल आधार है।
धनखड़ ने अपने संबोधन में राज्यसभा में सभापति के रूप में अपने अनुभव साझा किए और कहा कि मंच पर उनकी स्थिति ने उन्हें संसद की कार्यवाही की याद दिला दी। उन्होंने कहा, "संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ का यह समय देश के लिए आत्ममंथन और राष्ट्रहित को प्राथमिकता देने का है।"
उन्होंने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि भारत आज उम्मीदों और संभावनाओं से भरा देश है। "हमारा देश हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है, चाहे वह जमीन हो, आकाश हो या अंतरिक्ष।" उपराष्ट्रपति ने समाज से अपील की कि वह विकास और सकारात्मक पहल को राजनीति से परे रखकर देखे।
धनखड़ ने कहा, "यह सही समय है कि हम राष्ट्रहित में एकजुट होकर संविधान की प्रस्तावना को मार्गदर्शक बनाएं।" उन्होंने आगे कहा कि देश की प्रगति को कोई रोक नहीं सकता और हमें गर्व के साथ अपने विकास और उपलब्धियों का सम्मान करना चाहिए।