दुर्लभ आॅपरेशन द्वारा महा-शिरा में फिल्टर लगाकर बचाई जान।
फोर्टिस हास्पिटल जयपुर के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अमित कुमार सिंघल व उनकी टीम ने 30 वर्षीय युवक की जटिल शल्य-क्रिया कर पेट के अंदर महा-शिरा में फिल्टर इंप्लांट कर जान बचाई।
युवक की पैरों की रक्त शिराओं में डेंगु की जटिलता की वजह से खून जम गया था।खून के थक्के मरीज के फैफड़ों मे माइग्रेट कर गयें और मरीज़ को सांस में अत्यधिक दिक्कत होने लगी व ब्लड प्रेशर गिरने लगा।
मरीज को गंभीर अवस्था में फोर्टिस हॉस्पिटल के वरिष्ठ क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डा पंकज आनंद व उनकी टीम ने खून के थक्के गलाने का इंजेक्शन व गहन चिकित्सा प्रदान कर संभाला व स्थिरता प्रदान की।
सी टी स्कैन से पता चला की खून के थक्के महा-शिरा में भरे पड़े थे व किडनी की नसों से ऊपर तक पहुंच गये थे।इस परिस्थिति में पैर की नस से फिल्टर डालना संभव नहीं था।फिल्टर एक डिवाइस होता हे जो थक्कों को फैफड़ो मे जाने से रोकता हे।
इस जटिल परिस्थिति में और अधिक थक्कों को फैफड़ो में जाने से रोकना आवश्यक था अन्यथा फैफड़े फ़ेल हो जाते और मरीज की मृत्यु हो जाती।
डा सिंघल ने एक दुर्लभ आॅपरेशन द्वारा गर्दन की नस से जाकर महाशिरा में किडनी से ऊपर वाले भाग में फिल्टर को सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया(सुप्रा-रीनर रिट्रीवेबल आई वी सी फिल्टर इम्प्लांटेशन)।इस तरह के गिने चुने ऑपरेशन ही चिकित्सा जगत में दर्ज हें।
इस सामूहिक प्रयत्न में डॉ सुमन सिंघल(हेड-रेडियोलोजी विभाग),डाॅ हैतल ओमप्रकाश,डाॅ सुरभि अग्रवाल,डाॅ विकास सोनी ,डाॅ ग्रीष्मा गोयल,डाॅ रश्मी शुक्ला,अभिषेक त्रिपाठी,मोहनलाल गोयल,प्रियंका कुमारी आदी का विशेष योगदान रहा।
मरीज आॅपरेशन के बाद स्वस्थ हे और सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा हे।