लापरवाही बरतने वाले अधिकारी व कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी- मंत्री जूली

लापरवाही बरतने वाले अधिकारी व कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी- मंत्री जूली


- जनता दरबार लगाकर की जनसुनवाई
अलवर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने रविवार को मोती डूंगरी स्थित कार्यालय में जनता दरबार लगाकर जनसुनवाई करते हुए आमजन की परिवेदनाओं को सुना।
जनसुनवाई में फरियादियों ने मंत्री जूली को अपनी परिवेदनाएं सौंपी, जिस पर मंत्री जूली ने संबंधित अधिकारियों को परिवेदनाओं के त्वरित निराकरण के लिए दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जीरो टोलरेन्स की नीति पर कार्य कर रही है। आमजन के कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी व कार्मिकों के विरूद्ध स त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा अपने चार वर्षों के कार्यकाल में आमजन के हितों को ध्यान में रखते हुए सकारात्मक दृष्टिकोण से विकास के कार्य किये हंै। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अंतिम छोर के व्यक्ति को लाभांवित करने के उद्देश्य विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित की गई, जिनसे आमजन को बिना भेदभाव के लाभांवित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व एवं प्रबन्धन में राज्य सरकार प्रदेशवासियों के जनकल्याण हेतु पारदर्शिता व निस्वार्थ भाव से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की लैगशिप योजनाओं का लाभ समाज के प्रत्येक वर्ग के लोगों को मिल सके इस उद्देश्य से जनसुनवाई की जा रही है। आमजन ने समस्याओं के त्वरित समाधान पर मंत्री जूली का आभार जताया।
मंत्री ने पुरी को लिखा पत्र: मंत्री टीकाराम जूली ने केंद्र सरकार में राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखकर अलवर जिले को एनसीआरपीबी की अधिसूचना से अलग करने के लिए अवगत कराया है। उन्होंने बताया कि अलवर जिले को राष्ट्रीय राजधानी परियोजना क्षेत्र में शामिल किए जाने के बाद यहां विकास कार्यों पर ब्रेक लगा है। उन्होंने बताया कि अलवर के चहुंमुखी विकास को गति मिल सके इसलिए अलवर जिले को एनसीआरपीबी की अधिसूचना से पृथक किया जाए। उन्होंने बताया कि राजस्थान प्रदेश के अलवर जिले को राष्ट्र्रीय राजधानी क्षेत्र में अधिसूचित किया गया है। एनसीआर का गठन एनसीआरपीबी अधिनियम 1985 के अन्तर्गत जिले में संतुलित और सामन्जस्यपूर्ण विकास को बढावा देने तथा अव्यवस्थित विकास से बचने के लिए किया गया था लेकिन लंबे अर्से के बाद भी अलवर जिले को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का भाग बनने के कारण कोई सामाजिक एवं आर्थिक लाभ नहीं मिला। उन्होंने बताया कि कृषि पर निर्भर अलवर जिले में औद्योगिकरण का विस्तार तीव्र गति से हुआ है और अभी यहां विस्तार की अपार संभावनाएं भी हैं। जहां राजस्थान राज्य के अन्य जिलों में भूमि आवंटन/भूमि रूपांतरण एक सरल प्रक्रिया है, वहीं अलवर जिला एनसीआर में शामिल होने के कारण जटिल प्रक्रिया का सामना कर रहा है। जिसके चलते अधिकांश लोकोपयोगी योजनाएं धरातल पर मूर्त रूप नहीं ले पा रही है। विभिन्न उद्योग एनसीआरपीबी अधिनियम की बाध्यता को पूरा नहीं करने के कारण आज बंद होने के कगार पर है। उन्होंने राज्य मंत्री पुरी से अलवर जिले को एनसीआरपीबी से अतिशीघ्र पृथक करने की मांग की है ताकि जिले में निवास कर रहे लोगों की सुविधाओं में इजाफा हो सके व अलवर जिले के विकास को गति मिल सके।