जीवन को रुदन नहीं गीत बनाना चाहिए-साध्वी सुहृदय गिरी

जीवन को रुदन नहीं गीत बनाना चाहिए-साध्वी सुहृदय गिरी


बिजौलियां।श्रीजी फाउंडेशन द्वारा 
एनएच-27 केसरगंज चौराहा स्थित श्रीजी रिसोर्ट में करवाई जा रही श्रीमद्भागवत कथा में साध्वी सुहृदय गिरी ने कहा कि धर्म में वर्ण संकरता नहीं होनी चाहिए।भक्ति रहित ज्ञान व्यक्ति को रूखा बनाता हैं और  भक्ति सहित ज्ञान व्यक्ति को सरस बनाता हैं।साध्वी सुहृदय गिरी  ने कहा कि गौ,गंगा और गीता को जीवन का उद्देश्य बनाएं।साथ ही जीवन को रुदन नहीं गीत बनाना चाहिए।कथा के दौरान रुक्मणि विवाह,कंस वध के प्रसंग सुनाए गए।प्रसंग से सम्बंधित जीवंत झांकिया भी बनाई गई।रुक्मणि विवाह के प्रसंग के दौरान आयोजकों द्वारा 3 जोड़ों का निःशुल्क विवाह  सम्पन्न करवाया गया।साध्वी सुहृदय गिरी द्वारा रविवार को मंदाकिनी महादेव में जलाभिषेक भी किया गया।कथा का समापन सोमवार को होगा।इस दौरान हवन,पूर्णाहुति व प्रसादी के कार्यक्रम होंगे।